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(१) भगवान् बुद्ध के अव्याकृत प्रश्न
(२) लोक की नित्यानित्यता सान्तानन्तता (३) लोक क्या है ?
(४) जीव- शरीर का भेदाभेद (५) जीव की नित्यानित्यता
७
( १४ )
(६) जीव की सान्तता - अनन्तता
(७) भ० बुद्ध का अनेकान्तवाद
(८) द्रव्य और पर्याय का भेदाभेद
(अ) द्रव्यविचार (ब) पर्यायविचार
(क) द्रव्यपर्यायका भेदाभेद
(६) जीव और अजीव की एकानेकता
(१०) परमाणु की नित्यानित्यता (११) अस्ति नास्तिका अनेकान्त स्याद्वाद और सप्तभंगी
६- नय, आदेश या दृष्टियों
(१) भंगों का इतिहास
(२) अवक्तव्य का स्थान (३) स्याद्वाद के भंगों की विशेषता
(४) स्याद्वाद के भंगों का प्राचीन रूप
(१) द्रव्य, क्षेत्र, काल और भाव
(२) द्रव्यार्थिक पर्यायार्थिक
(३) द्रव्याथिक - प्रदेशार्थिक
(४) ओघादेश - विधानादेश
(५) व्यावहारिक और नैश्चयिक नय
-नाम स्थापना द्रव्य भाव
[३] प्रमाणखण्ड
१
2 - ज्ञान चर्चा की जैन दृष्टि
२ -आगम में ज्ञान चर्चा के विकास की भूमिकाएँ
३ - ज्ञान चर्चा का प्रमाणचर्चा से स्वातन्त्र्य
४—जैन आगमों में प्रमाण चर्चा
(१) प्रमाण के भेद (२) प्रत्यक्षप्रमाणचर्चा
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