Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirm.org
Acharya Shri Kallashsagarsuri Gyanmandir
जइ जाणए अणुवउत्ते न भवइ०, से तं आगमओ दव्वा०, से किं तं नो आगमओ दव्वा०?, २ तिविहा पं० तं०जाणयसरीरदव्वाणुपुव्वी भवियसरीरदव्वाणुपुची जाणयसरीरभवियसरीश्वइरित्ता दव्वा०, से किं तं जाणयसरीरदव्वाणुपुवी?, २ प्यत्थाहिगारजाणयस्स जं सरीरयं ववगयचुयचावियचत्तदेहं सेसं जहा दव्वावस्सए तहा भाणियव्ळ जाव से तं जाणयसरीरदव्वाणुपुव्वी, से किं तं भवियसरीरदव्वाणुपुव्वी?, २ जे जीवे जोणीजम्मणनिक्खंते सेसं जहा दब्वावस्सए जाव से तं भवियसरीरदव्वाणुपुव्वी, से किं तं जाणयसरीरभवियसरीरवइरित्ता दव्वा०?, २ दुविहा पं० २०-उवणिहिया य अणोवणिहिया य, तत्थ णं जा सा उवणिहिया सा ठप्या, तत्थ णं जा सा अणोवणिहिया सा दुविहा पं००-नेगमववहाराणं संगहस्सयो७२। से किं तं नेगमववहाराणं अणोवणिहिया दव्वाणुपुव्वी?, २ पंचविहा पं० २०-अट्ठपयपरूवणया भंगसमुक्त्तिणया भंगोवदंसणया समोयारे अणुगमे।७३। से किं तं नेगमववहाराणं अट्ठपयपरूवणया?, २ तिपएसिए आणुपुवी चउप्पएसिए आणुपुव्वी जाव दसपएसिए आणुपुव्वी संखेजपएसिए आणुपुव्वी असंखिज्जपएसिए आणुपुव्वी अणंतपएसिए आणुपुब्बी, परमाणुपोग्गले अणाणुपुब्बी, दुपएसिए अवत्तव्वए, तिपएसिया आणुपुबीओ जाव अणंतपएसिया आणुपुवीओ, परमाणुपोग्गला अणाणुपुव्वीओ, दुपएसियाई अवतव्वयाई, से तं गमववहाराणं अट्ठपयपरूवणया ७४ एयाए णं नेगमववहाराणं अट्ठपरूवणयाए किं पओयणं?, एयाए णं नेगमववहाराणं अट्ठपयपरूवणयाए भंगसमुक्त्तिणया जड़ ७५ से किं तं ॥ श्री अनुयोगद्वारसूत्र।
पू. सागरजी म. संशोधित
For Private And Personal

Page Navigation
1 ... 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123