Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay

View full book text
Previous | Next

Page 109
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir परित्नाणंतयं होड़, तेण परं अजहण्णमणुकोसयाई ठाणाई जाव उक्कोसयं परित्ताणतयं ण पावइ, उक्कोसयं परित्ताणतयं केवइयं होइ?, जहण्णयपरित्ताणतयमेत्ताणं रासीणं अण्णमण्णमासो रूवूणो उकोसयं परित्ताणतयं होइ अहवा जहण्णयं जुत्ताणतयं खवूणं उक्कोसयं परित्ताणतयं होइ जहण्णयं जुत्ताणतयं केवइयं होइ?, जहण्णयपरित्ताणतयमेत्ताणं रासीणं अण्णमण्णमासो पडिपुण्णो जहण्णयं जुत्ताणतयं होई, अहवा उक्कोसए परित्ताणंतए रूवे पक्खित्ते जहत्रयं जुत्ताणतयं होइ, अभवसिद्धिआवि तत्तिया होइ तेण परं अजहण्णमणुक्कोसयाइं ठाणाइंजाव उक्कोसयं जुत्ताणतयं ण पावइ, उक्कोसयं जुत्ताणतयं केवइयं होइ?, जहण्णएणं जुत्ताणतएणं अभवसिद्धिया गुणिया अण्णमण्णमासो रूवूणो उक्कोसयं जुत्ताणतयं होइ, अहवा जहण्णयं अणंनाणतयं रूवूणं उक्कोसयं जुत्ताणतयं होइ, जहण्णयं अणंताणतयं केवइयं होइ?, जहत्रणं जुत्ताणतएणं अभवसिद्धिया गुणिया अण्णमण्णब्भासो पडिषुण्णो जहण्णयं अणंताणतयं होई, अहवा उझोसए जुत्ताणतए रूवे पक्खित्ते जहण्णयं अणंताणतयं होड, तेण परं अजहण्णमणुक्कोसयाई ठाणाई, सेतं गणणासंखा, से किं तं भावसंखा?, २ जे इमे जीका संखगइनामगोताई। कम्माई वेइन्ति, से तं भावसंखा, से तं संखापणामे, से तं भावपमाणे, से तं पमाणे १४६। से किं तं वत्तव्वया?, २ तिविहा पं०२०-ससमयवत्तव्वया परसमयवत्तव्वया ससमयपरसमयवत्तव्वया, से किं तं ससमयवत्तव्वया?, २ जत्थ णं ससमए आपविज्जइ पण्णविज्जइ फ्रूविजइ दंसिजइ निदंसिजइ उवदंसिजइ, से तं ससमयवत्तव्वया, से किं तं परसमयवत्तव्यया?, २ जत्य णं भी अनुयोगद्वारसूत्र पू. सागरजी म. संशोषित For Private And Personal

Loading...

Page Navigation
1 ... 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123