Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay
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तत्थणजे ते पंच चउकसंजोगाते णं इमें अस्थिणामे उदइएउवसभिएखइएखओवसमनिष्फण्णे अस्थि णामे उदइएउवसमिएखइएपारिणामिय० अस्थिणामे उदइएउवसभिएखओवसमिएपारिणामिय० अत्थि णामे उदइएखइएखओवसमिएपारिणामि० अत्थिणामे उवसमिएखइएखओवसमिएपारिणामियनिष्फण्णे, कयरे से णामे उदइएउवसमिएखइएखओवसमनिष्फण्णे?, उदइएत्ति माणुस्से उवसंता कसाया खइयं सम्मत्तं खओवसमिआई इंदिआई, एस णं से णामे उदइएउवसमिएखइएखओवसमनिप्पण्णे, कयरे से नामे उदइएउवसमिएखइएपारिणामिअनिष्फण्णे?, उदइएत्ति माणुस्से उवसंता कसाया खाइसम्मत्तं पारिणामिए जीवे, एसणं से णामे उदइएउवसमिएखइएपारिणामिअनिष्फण्णे, कयरे से णामे उदइएउवसभिएखओवसमिएपारिणामिअनिष्फण्णे?, उदइएत्ति माणुस्से उवसंता कसाया खओवसमिआई इंदिआई पारिणामिए जीवे, एस णं से णाम उदइएउवसमिएखओवसमिएपारिणाभियणिफण्णे, कयरे से णामं उदइएखइएखओवसमिएपारिणामिअणिफण्णे?, उदइएत्ति माणुस्से खइअं सम्मत्तं खओवसमिआई इंदिआई पारिणामिए जीवे, एस णं से नामे उदइएखइएखओवसमिएपारिणामिअनिष्पत्रे, क्यरे से नामे उक्समिएखइएखओवसभिएपारिणामिअनिष्फो?, उवसंता कसाया खइअं सम्मत्तं खओवसमिआई इंदियाई पारिणामिए जीवे, एस णं से नामे उवसमिएखइएखओवसमिएपारिणामिअनिष्फण्णे, तत्थ णं जे से एके पंचगसंजोए से णं इमे अस्थि नामे उदइएउवसमिएखओवसभिएखइएपारिणामिअनिष्फण्णे, कयरे से नामे उदइएउवसमिएखइएखओवसमिएपारिणामिअनिष्फण्णे?, ॥ श्री अनुयोगद्वारसूत्र ॥
पू. सागरजी म. संशोधित
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