Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay
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|तिपएसिया य दुपएसिया य आणुपुव्वी य अवत्तव्वए य अहवा परमाणुपोग्गला य दुपेसिया य अणाणुपुव्वी य अवत्तव्यए य अहवा तिपएसिया य परमाणुपोग्गला य दुपएसियाय आणुपुव्वी य अणाणुपुव्वी य अवत्तव्वए य, से तं संगहस्स भंगोवदंसणया।९३7 से किं तं संगहस्स समोयारे?, संगहस्स आणुपुव्वीदव्वाई कहिं समोयरंति किं आणुपुव्वीदव्वेहि समोयरंति अणाणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति अवत्तव्वगदव्वेहिं समोयरंति?, संगहस्स आणुपुचीदव्वाइं आणुपुव्वीदव्वेहिं समोयरंति नो अणाणुपुब्बीदव्वेहि समोयरंति नो अवतव्वगदम्वेहिं समोयरंति, एवं दोनिवि सहाणे सट्ठाणे समोयरंति, से तं समोयारे१९४१ से किं तं अणुगमे?, २ अट्ठविहे पं०२०-संतपयपरूवणया दव्वपमाणं च खित्त फुसणा यो कालो य अंतरं भाग भावे अप्पाबहुं नत्यि॥९॥ संगहस्स आणुपुव्वीदव्वाई किं अत्यिणत्थि?, नियमा अस्थि, एवं दोनिवि, संगहस्स आणुपुव्वीदव्वाइं किं संखिजाई असंखेज्जाइं अणंताई?, नो संखेज्जाई नो असंखेज्जाई नो अणंताई, नियमा एगो रासी, एवं दोत्रिवि, संगहस्स आणुपुव्वीदव्वाई लोगस्स कइभागे होजा किं संखेजइभागे होजा असंखेजड़भागे होज्जा संखेज्जेसु भागेसु होजा असंखेजेसु भागेसु होजा सव्वलोए होजा?, नो संखेजड़भागे नो असंखेजड़भागे नो संखेजेसु भागेसु नो असंखेजेसु भागेसु, नियमा सव्वलोए होजा, एवं दोत्रिवि, संगहस्स आणुपुव्वीदव्वाइं लोगस्स किं संखेजइभागं फुसंति असंखेजइभागं फुसंति संखिजे० असंखिजे० सव्वलोगं फुसंति?, नो संखेजइभागं फुसंतिजावनियमा सव्वलोगं फुसंति, एवं दोत्रिवि, संगहस्सआणुपुव्वीदव्वाईकालओ केवच्चिरं होति?,सव्वद्धा, ॥ श्री अनुयोगद्वारसूत्र॥
पू. सागरजी म. संशोधित
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