Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay

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Page 36
________________ San Mahavir Jain Aradhana Kendra wirm.kobaim.org Acharya Shet Kalashsagasun Gyanmandir खीर घय खोय नंदी अरुणवरे कुंडले रुयगे ॥१२॥ आभरणवत्थगंधे उप्पलतिलए य पुढविनिहिरयणे। वासहरदहनईओ विजया वक्खार कप्पिंदा ॥३॥कुरुमंदरआवासा कूडा नक्खत्तचंदसूरा योदेवे नागे जक्खे भूए य सयंभुरमणे य ॥१४॥से तं पुव्वाणुपुव्वी, से किं तं पच्छाणुपुवी?, सयंभूरमणे य जाव जंबुद्दीवे, से तं पच्छाणुपुव्वी, से किं तं अणाणुपुवी?, २ एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए असंखेजगच्छगयाए सेढीए अण्णभण्णब्भासो दुरूवूणो, से तं अशाणुपुव्वी, उड्ढलोअखेत्ताणुपुव्वी तिविहा पं० तं०- पुव्वाणुपुवी पच्छाणुपुव्वी अणाणुपुव्वी, से किं तं पुव्वाणुपुव्वी?, २ सोहम्मे ईसाणे सणंकुमारे माहिंदे बंभलोए लंतए महासुक्के सहस्सारे आणए पाणए आरणे अच्चुए गेवेजविमाणा अणुत्तरविभाणा ईसिपब्मारा, से तं पुव्वाणुपुव्वी, से किं तं पच्छाणुपुव्वी?, २ ईसिपब्भारा जाव सोहम्मे, से तं पच्छाणुपुव्वी, से किं तं अणाणुपुची?, २ एआए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए पत्ररसगच्छगयाए सेढीए अनमन्नब्भासो दुरुवूणो, से तं अणाणुपुव्वी, अहवा उवणिहिया खेत्ताणुपुव्वी तिविहा पं० २०पुव्वाणुपुची पच्छाणुपुव्वी अणाणुपुव्वी, से किं तं पुव्वाणुपुव्वी?, २ एगपएसोगाढे दुपएसोगाढे० दसपएसोगाढे संखिज्जपएसोगाढे जाव असंखिजपएसोगाढे, से तं पुव्वाणुपुव्वी, से किं तं पच्छाणुपुची?, २ असंखिज्जपएसोगाढे संखिजपएसोगाढे जाव एगपएसोगाढे, से तं पच्छाणुपुव्वी, से किं तं अणाणुपुव्वी?, २ एआए चेव एगाइयाए एगुत्तरियाए असंखिज्जगच्छगयाए सेढीए अन्नमन्नब्भासो दुरूवूणो, सेतं अणाणुपुव्वी, से तं उवणिहिया खेत्ताणुपुव्वी, से तं खेत्ताणुपुव्वी १०३से किं तं कालाणु०? ॥श्री अनुयोगद्वारसूत्र॥] | २५ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal

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