Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kalashsagarsuri Gyanmandir
एवं दोण्णिवि, संगहस्स आणुपुव्वीदव्वाणं कालतो केवच्चिरं अंतरं होति?, नस्थि अंतरं, एवं दोण्णिवि, संगहस्स आणुपुव्वीदव्वाई सेसदव्वाणं कइभागे होजा किं संखेजइभागे असंखेजइभागे संखेजेसु भागेसु असंखेजेसु भागेसु होजा?, नो संखेजइभागे नो असंखेजइभागे नो संखेजेसु भागेसु नो असंखेजेसु भागेसु, नियमा तिभागे, एवं दोत्रिवि, संगहस्स आणुपुव्वीदव्वाई कयामि भावे होजा?, नियमा साइपारिणामिए भावे होजा, एवं दोत्रिवि, अप्पाबहुं नत्थिो से तं अणुगमे, से तं संगहस्स अणोवणिहिया दव्वाणुपुव्वी, से तं अणोवणिहिया दव्वाणुपुव्वी९५ो से किं तं उवणिहिया दव्वाणुपुव्वी? २ तिविहा पं०२०-पुव्वाणुपुव्वी पच्छाणुपुव्वी अणाणुपुव्वी यो९६से किं तं पुव्वाणुपुव्वी?,२ धम्मत्थिकाए अधम्म आगास० जीव० पोग्गलस्थिकाए अद्धासमए, से तं पुव्वाणुपुव्वी, से किं तं पच्छाणुपुष्वी?, २ अद्धासमए पोग्गलत्थिकाए जीव० आगास० अहम्म० धम्मस्थिकाए, से तं | पच्छाणुपुव्वी, से किं तं अणाणुपुव्वी, २ एयाए चेव एगाइआए एगुत्तरिआए छगच्छगयाए सेढीए अण्णमण्णब्भासो दुरूवूणो,
से तं अणाणुपुव्वी १९७अहवा उवणिहिआ दव्वाणुपुव्वी तिविहा पं० २०-पुव्वाणुपुव्वी पच्छाणुपुव्वी अणाणुपुव्वी, से किं तं | पुव्वाणुपुव्वी?, २ प्रमाणुपोग्गले दुपएसिए तिपएसिए जाव दसपएसिए संखिजपएसिए असंखिज्जपएसिए अणंतपएसिए, से तं पुव्वाणुपुव्वी, से किं तं पच्छाणुपुव्वी?, २ अणंतपएसिए असंखिजपएसिए संखिज्जपएसिए जाव दसपएसिए जाव तिपएसिए दुपएसिए परमाणुपोग्गले, सेतं पच्छाणुपुव्वी, से किं तं अणाणुपुवी?, २एआए चेव एगाइआए एगुत्तरिआए अणंतगच्छगयाए ॥ श्री अनुयोगद्वारसूत्र ॥]
पू. सागरजी म. संशोधित
For Private And Personal

Page Navigation
1 ... 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123