Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay

View full book text
Previous | Next

Page 25
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsunl Gyanmandir नेगमववहाराणं अणाणुपुवी दव्वाइं कहिं समोअरंति किं आणुपुव्वीदव्वेहिं समोअरंति अणाणुपुव्वीदव्वेहिं समोअरंति अवत्तव्वयदव्वेहिं समोअरंति?, नो आणुपुव्वीदव्वेहिं समोअरंति अणाणुपुव्वीदव्वेहिं समोअरंति नो अवत्तव्वयदव्वेहिं समोअरंति, नेगमववहाराणं अवत्तव्यदव्वाइं कहिं समोअति किं आणुपुव्वीदव्वेहिं समोअतिअणाणुपुव्वीदव्वेहिं समोअरंति अवत्तव्वयदव्वेहिं समोअति?, नो आणुपुत्वीदव्वेहिं समोअरंति नो अणाणुपुत्वीदव्वेहिं सभोयरंति अवत्तव्वयदव्वेहिं समोअरंति, से तं समोआरे७९॥ से किं तं अणुगमे?, नवविहे पं० २०-संतपयपरूवणया दव्व पमाणं च खित्त फुसणा यो कालो य अंतरं भाग भाव अप्पाबहुं चेव॥८॥८॥नेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाइं किं अस्थि नस्थि?,णियमा अस्थि, नेगमववहाराणं अणाणुपुव्वीदव्वाइं किं अस्थि णस्थि?,णियमा अस्थि, नेगमववहाराणं अवत्तव्वगदव्वाइं किं अस्थिणतिथ?, नियमा अत्थिा८१नेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाई किं संखिज्जाइं असंखिज्जाइं अणंताई?, नो संखिज्जाइं नो असंखिजाई अणंताई, एवं अणाणुपुव्वीदव्वाइं अवत्तव्वगदव्वाइंच अणंताई भाणियव्वाइं८२॥ नेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाइं लोगस्स किं संखिजइभागे होज्जा असंखिज्जइभागे होज्जा संखेनेसु भागेसु होजा असंखेजेसु भागेसु होजा सव्वलोए होजा?, एगं दव्वं पडुच्च संखेजइभागे वा होज्जा असंखेजइभागे वा होजा संखेज्जेसु भागेसु वा होज्जा असंखिजेसु भागेसु वा होजा सव्वलोए वा होजा, णाणादव्वाइं पडुच्च नियमा सव्वलोए होजा। नेगमववहाराणं अणाणुपुव्वीदव्वाइं किं लोयस्ससंखिज्जइभागे होजा जाव सव्वलोए वा होजा?,एगंदब्द पडुच्च नोसंखेजइभागे ॥श्री अनुयोगद्वारसूत्र। | १४ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal

Loading...

Page Navigation
1 ... 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123