Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kalashsagarsur Gyanmandir
होज्जा असंखेजइ भागे होजा नो संखेजेसु भागेसु होज्जा नो असंखेजेसु भागेसु होजा नो सव्वलोए होजा, णाणादव्वाइं पडुच्च नियमा सव्वलोए होजा, एवं अवत्तव्वगदव्वाई भाणियव्वाइं८३। नेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाई लोगस्स किं संखेजइभागं फुसंति असंखेजइभागं फुसंति संखेजे भागे फुसंति असंखेजे भागे फुसंति सव्वलोगं फुसंति?, एगं दव्वं पडुच्च् लोगस्स संखेजइभागं वा फुसंति जाव सव्वलोगं वा फुसंति, णाणादव्वाइं पडुच्च नियमा सव्वलोगं फुसंति। णेगमववहाराणं अणाणुपुचीदव्वाइं लोयस्स किं संखेजइभागं फुसति जाव सव्वलोगं फुसंति?, एग दव्यं पडुच्च नो संखिजइभागं फुसंति असंखिज्जइभागं फुसंति नो संखिज्जे भागे फुसंति नो असंखिजे भागे फुसंति नो सव्वलोयं फुसंति, नाणादव्वाई पडुच्च नियमा सव्वलोयं फुसंति, एवं अवतव्वगदव्वाइं भाणियव्वाइं (एवं फुसणावि णायव्वा पा०) ८४ णेगमववहाराणं आणुपुव्वीदव्वाई कालओ केवच्चिर होइ?, एगंदव्वं पडुच्च जहण्णेणं एगं समयं उक्कोसेणं असंखेजं कालं, णाणादव्वाई पडुच्च णियमा सव्वद्धा, अणाणुपुव्वीदव्वाइं अवतव्वगदव्वाइंच एवं चेव भाणियव्वाइं८५ोणेगमववहाराणं आणुपुत्वीदव्वाणं अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ?, एगं दव्वं पडुच्च् जहन्नेणं एगं समयं उकोसेणं अणंतं कालं, नाणादव्वाइं पडुच्च णतिय अंतरं, णेगमववहाराणं अणाणुपुव्वीदव्वाणं अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ?, एगंदव्यं पडुच्च जहण्णेणं एगं समयं उकोसेणं असंखेज कालं, नाणादव्वाई पडुच्च् णस्थि अंतरं, णेगमववहाराणं अवत्तव्वगदव्वाणं अंतरं कालओ केवच्चिर होइ?, एगं दव्वं पडुच्च जहन्त्रेणं एगं समयं ॥श्री अनुयोगद्वारसूत्र ॥
पू. सागरजी म. संशोधित
For Private And Personal

Page Navigation
1 ... 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123