Book Title: Agam 42 Mool 03 Dashvaikalik Sutra
Author(s): Mishrimalmuni
Publisher: Marudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur

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Page 12
________________ प्रस्तुत आगम का प्रकाशन हमारी संस्था का एक भव्य प्रयत्न है। यद्यपि अबतक लगभग ४०-४५ पुस्तकें संस्था से प्रकाशित हो चुकी हैं.-जिनमें 'मरुधरकेसरी अभिनन्दन ग्रंथ' जैसा विशालकाय ग्रंथ और 'जनधर्म में तप : स्वरूप और विश्लेषण' जैसी शोध पुस्तकें भी हैं किन्तु आगम-प्रकाशन की हमारी चिरकालीन भावना अब इसी आगम से मूर्तरूप पकड़ रही है । इस प्रकाशन के पश्चात हम अति शीघ्र ही उत्तराध्ययन सूत्र तथा जैन कर्मसिद्धान्त का दुर्लभ एवं अपूर्व ग्रन्थ 'फर्मग्रन्थ" विस्तृत व्याख्या एवं महत्वपूर्ण भूमिकाओं के साथ पाठकों की सेवा में प्रस्तुत करने का सकल्प कर रहे हैं । भगवान महावीर की २५वीं निर्वाण शताब्दी वर्ष में हमारा यह प्रयत्न अपना ऐतिहासिक महत्व स्थापित करेगा और पाठकों को ज्ञान-पिपासा को परितृप्त करेगा, इसी आशा के साथ ....! मंत्री श्री मरुधरकेसरी साहित्य-प्रकाशन समिति

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