Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Varunmuni, Sanjay Surana
Publisher: Padma Prakashan
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एक ही चन्द्रमा का भिन्न-भिन्न बर्तनों और जलाशय में अलग-अलग प्रतिबिम्ब भासित होता है
न रूप पुण्य
OPPOR
सुख
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एकात्मवाद
अकर्तृत्ववाद
दुःख
सबका कर्ता जड़ प्रकृति है
201
हिंसा रूपी पाप
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आत्मा अकर्ता है, नित्य है, अपरिणामी है, भोक्ता है
मन
सांख्य दर्शन में सृष्टि सृजन की प्रक्रिया
प्रकृति
बुद्धि
तत्व
पाँच
कर्मेन्द्रियाँ
जल
पृथ्वी अग्नि
एक ही आत्मा सभी के शरीर में हैं
रूप
अहकार
पुरुष (आत्मा)
पांच
ज्ञानेन्द्रियाँ
वाय आकाश
रस
पाच
तन्मात्र
स्पर्श शब्द
गंध
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