Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Varunmuni, Sanjay Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 198
________________ 05555555555555555555555555555555555se 55555ye कभके 卐55555555555555555555555555555555555555555555555 | चित्र-परिचय 8 Illustration No.8 समुद्री डाके जलयान द्वारा विदेशों में व्यापार के लिए जाने वाले व्यापारियों को लूटने के लिए ये डाकू महाभयंकर समुद्र में प्रवेश करते हैं। इसमें प्रचण्ड वायु के कोप से ऊँची-ऊँची भयंकर लहरें उठती रहती हैं। अनेक स्थानों पर बड़े-बड़े भंवर होते हैं। गंगा आदि नदियों का पानी अत्यंत वेग से समुद्र में आने के कारण बड़ी-बड़ी विशाल लहरें उठती हैं। इन समुद्री लहरों के साथ अनेक विशाल समुद्री जीव भी उछलते हैं, जिससे गम्भीर एवं भयंकर ध्वनियाँ उत्पन्न होती हैं। आँधी-तूफान आदि का उपद्रव होने पर आकाश में घटाटोप अंधकार छा जाता है। बिजली कड़कती है। इतने लोमहर्षक वातावरण में भी जलयान में सवार ॐ ये समुद्री लुटेरे दूसरों का धन हरण करने की इच्छा से आगे बढ़ते चले जाते हैं। धन के लालच में आकर फ़ ये समुद्री डाकू समुद्र जैसे उपद्रवपूर्ण भयंकर स्थान पर जाने का दुस्साहस कर लेते हैं। चित्र में इनका लोमहर्षक चित्रण किया गया है। -सूत्र 67, पृ. 142 __ ग्रामादि लूटने वाले पराये धन का हरण करने वाले दुष्ट मति चोर नगरों में जाकर लोगों को बन्दी बना लेते हैं। घरों की दीवारों में सेंध लगाकर चोरी करते हैं। इनकी तृष्णा असीम होती है। इस प्रकार ये चोर चोरी के धन का बँटवारा करने के लिए श्मशान भूमि जैसे भयानक स्थानों पर जाते हैं। जहाँ सर्वत्र भय एवं मनहूसियत छाई रहती है। यहाँ भोजन-पानी मिलना भी दुष्कर रहता है। ऐसे भयंकर स्थानों पर जाकर ये धन का बँटवारा करते हैं। गुप्त मंत्रणा करते हैं। इनके शरीर भोजन-पानी के अभाव में शुष्क एवं विकृत हो जाते हैं। ये लुटेरे पराये धन के लालच में नरक और तिर्यंच भव में भोगने योग्य अत्यंत दु:ख उत्पन्न करने वाले पाप-कर्मों का संचय करते हैं। -सूत्र 68, पृ. 145 PIRACY ON THE SEA In order to loot the merchants going to foreign countries by ship these pirates take to highly menacing seas. Tremendous winds agitate the seas causing menacingly high waves. There are gigantic whirlpools at many spots. The speedy inflow of great rivers like Ganges also cause giant waves in the sea. With these waves jump many large aquatic animals producing loud and fearsome sounds. Storms and typhoons cause blinding darkness in the sky pierced by intermittent lightening. With a desire to snatch others wealth these sea pirates keep on moving in their ships even in such hair-raising conditions. Greed for wealth infuses boldness in these pirates to face the terrors of such tormenting seas. The illustrations vividly present this horrifying scene. - Sutra-67, page-142 OTHER BANDITS Rogue thieves on the lookout for others wealth go into cities and trap the citizens. They make a hole in the wall and commit burglary. They have unlimited thirst for wealth. For mutual distribution of such stolen things these thieves go to terrible places like cremation grounds. The atmosphere is grim and oppressive there. Even food or water is difficult to find at such places. They go to such horrible places and divide their loot. They also cook up conspiracies there. Their bodies get weak and deformed in absence of proper food and water. In their greed for wealth such bandits acquire karmas of demerit and as a conse quence suffer great pain on rebirth as infernal beings or animals. - Sutra-68, page-145 e))555555555555555555555555559 05555555555555555555555भ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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