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चन्द्र और सूर्य की अग्रमहिषियों (पटरानियों) का वर्णन DESCRIPTION OF THE CHIEF CONSORTS OF CHANDRA AND SURYA
६. [प्र.] चंदस्स णं भंते ! जोइसिंदस्स जोइसरण्णो कइ अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ? [उ.] जहा दसमसए (उ. ५) जाव णो चेव णं मेहुणवत्तियं। ६. [प्र.] भगवन् ! ज्योतिष्कों के इन्द्र, ज्योतिष्कों के राजा चन्द्रमा की कितनी अग्रमहिषियाँ ,
___[उ.] गौतम! जिस प्रकार दशवें शतक (के उद्देशक ५) में कहा है, (उसी के अनुसार में म जानना चाहिए) यावत् अपनी राजधानी में सिंहासन पर मैथुन-निमित्तक भोग भोगने में समर्थ नहीं है, (यहाँ तक कहना चाहिए।)
6. [Q.] Bhante ! How many chief consorts (agramahishis) Chandra, the king of Jyotishk gods has ?
[Ans.] Gautam ! What has been mentioned in the tenth chapter (5th $i lesson) should be repeated here... and so on up to... he is not able to enjoy carnal pleasures while on the throne in his capital.
७. सूरस्स वि तहेव (स. १० उ. ५)। [७] सूर्य के सम्बन्ध में भी इसी प्रकार शतक १० (उ. ५ के अनुसार) कहना चाहिए। . 7. In the same way repeat here for Surya (chapter-10, lesson-5).
विवेचन-चन्द्रमा की चार पट्टरानियाँ हैं-(१) चन्द्रप्रभा, (२) ज्योत्स्नाभा, (३) अर्चिाली और (४) प्रभंकरा। इसी प्रकार सूर्य की भी चार पट्टरानियाँ हैं-(१) सूर्यप्रभा, (२) आतपाभा, (३) ॐ अर्चिाली और (४) प्रभंकरा। ___Elaboration-Chandra has four chief consorts (1) Chandraprabha, (2) Jyotsnabha, (3) Archimali and (4) Prabhankara. In the same way Surya also has four chief consorts—(1) Suryaprabha, (2) Atapabha, (3) Archimali and (4) Prabhankara. चन्द्र और सूर्य के कामभोगों से सुखानुभव का निरूपण PLEASURE EXPERIENCES OF CHANDRA AND SURYA
८. [प्र.] चंदिम-सूरिया णं भंते ! जोइसिंदा जोइसरायाणो केरिसए कामभोगे पच्चणुब्भवमाणा विहरंति?
भगवतीसत्र(४)
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Bhagavati Sutra (4) &555555555555555555555555555555555555