Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 04 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni
Publisher: Padma Prakashan

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Page 519
________________ फफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ फफफफफफफफफफ [उ.] गौतम! इस रत्नप्रभा पृथ्वी के तीस लाख नरकावासों में से संख्येय विस्तृत नरकों में एक समय में (१) जघन्य से एक, दो अथवा तीन तथा उत्कृष्ट से संख्यात नैरयिक जीव उत्पन्न होते हैं। (२) जघन्य से एक, दो अथवा तीन और उत्कृष्ट से संख्यात कापोत लेश्या वाले जीव उत्पन्न होते हैं। (३) जंघन्य से एक, दो अथवा तीन और उत्कृष्ट से संख्यात कृष्ण- पाक्षिक जीव उत्पन्न होते हैं। (४) इसी प्रकार शुक्ल - पाक्षिक (५) संज्ञी ( ६ ) असंज्ञी (७) भव- सिद्धिक (८) अभव-सिद्धिक (९) आभिनिबोधिक (मति) ज्ञानी (१०) श्रुतज्ञानी (११) अवधिज्ञानी (१२) मति - अज्ञानी (१३) श्रुत- अज्ञानी (१४) विभंगज्ञानी ( जीवों के विषय में भी जानना चाहिए।) (१५) चक्षुदर्शनी जीव उत्पन्न नहीं होते । (१६) अचक्षुदर्शनी जीव जघन्य से एक, दो अथवा तीन तथा उत्कृष्ट से संख्यात उत्पन्न होते हैं। ( १७ - २१) इसी प्रकार अवधिदर्शनी, आहारसंज्ञा के उपयोग वाले जीवों, यावत् परिग्रहसंज्ञा के उपयोग वाले जीवों के विषय में भी (जानना चाहिए।) (२२ - २३) न तो स्त्रीवेदी जीव उत्पन्न होते हैं और न ही पुरुषवेदी जीव उत्पन्न होते हैं। (२४) नपुंसकवेदी जीव जघन्य से एक, दो या तीन और उत्कृष्ट से संख्यात उत्पन्न होते हैं। इसी प्रकार ( २५-२८) क्रोध कषायी यावत् लोभ कषायी जीवों (की उत्पत्ति के विषय में जानना चाहिए ।) (२९) श्रोत्रेन्द्रिय के उपयोग वाले जीव उत्पन्न नहीं होते हैं । (३०-३३) इसी प्रकार यावत् स्पर्शेन्द्रिय के उपयोग वाले जीव वहाँ उत्पन्न नहीं होते हैं । (३४) नो-इन्द्रिय (मन) के उपयोग वाले जीव जघन्य से एक, दो अथवा तीन और उत्कृष्ट से संख्यात उत्पन्न होते हैं। (३५) मनोयोगी जीव वहाँ उत्पन्न नहीं होते हैं । ( ३६ ) इसी प्रकार वचनयोगी भी (उत्पन्न नहीं होते हैं) (३७) काययोगी जीव जघन्य से एक, दो अथवा तीन और उत्कृष्ट से संख्यात उत्पन्न होते हैं। ( ३८-३९) इसी प्रकार साकारोपयोग वाले एवं अनाकारोपयोग (वाले जीवों के विषय में भी जानना चाहिए ।) 6. [Q.] Bhante ! Out of the 3 three million infernal abodes, in this Ratnaprabha Prithvi (the first hell), in those having countable Yojan area, in one Samay (indivisible fractional unit of time)—(1) How many infernal beings (jivas) are born ? (2) How many infernal beings with pigeon-soulcomplexion (Kaapot leshya) are born ? ( 3 ) How many beings with dark future (Krishna-paksha) are born? (4) How many beings with bright future (shukla-paksha) are born ? ( 5 ) How many sentient (sanjni) beings are born ? (6) How many non-sentient (asanjni ) beings are born ? (7) How many bhava-siddhik ( destined to be liberated in next birth) beings are born ? (8) How many abhava-siddhik (not destined to be liberated in next birth) beings are born? (9) How many abhinibodhik jnani (endowed with sensory तेरहवाँ शतक : प्रथम उद्देशक (455) Thirteenth Shatak: First Lesson 555555555555 फफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ

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