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एक करके (दूसरे दोषों को) दूर हटा देता है। एक-एक करके (दूसरे दोषों को) दूर हटाता हुआ (व्यक्ति), केवल मात्र (हिंसा-दोष) को (ही) दूर हटा देता है। (अहिंसासमता धर्म की) आज्ञा (सलाह) में श्रद्धा रखने वाला शुद्ध बुद्धि वाला (होता है)। प्राणी-समूह को ही (समतादर्शी) की आज्ञा से जानकर (जो) (व्यक्ति अहिंसा का पालन करता है) (वह) निर्भय (हो जाता है। शस्त्र तेज से तेज होता है, अशस्त्र तेज से तेज नहीं होता है [हिंसा तीव्र से तीव्र होती है, अहिंसा सरल होती है] जो (व्यक्ति) क्रोध को समझने वाला (होता है); वह (उसके) (मूल में स्थित) अहंकार को समझने वाला (हो जाता है); जो (व्यक्ति) अहंकार को समझने वाला (होता है), वह (उससे) (उत्पन्न) मायाचार को समझने वाला (हो जाता
जो (व्यक्ति) मायाचार को समझने वाला (होता है), वह (उसके) (मूल में स्थित) लोभ को समझने वाला (हो जाता है); जो (व्यक्ति) लोभ को समझने वाला (होता है), वह (उसके) (मूल में स्थित) राग को समझने वाला (हो जाता है); जो (व्यक्ति) राग को समझने वाला (होता है), वह (उससे) (उत्पन्न) द्वष को समझने वाला हो जाता है। जो (व्यक्ति) (राग) (और) द्वष को समझने वाला (होता है), वह (उसके). (मूल में स्थित) आसक्ति को समझने वाला (हो जाता है);
जो (व्यक्ति) आसक्ति को समझने वाला (होता है) वह : चयनिका ]
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