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6.
महावीर का साधनामय जीवन
(द) कुशल व्याख्याता व ग्रासक्ति-रहित तथा सत्य में स्थित :
(य) जागृत के अनुभव वर्णनातीत, केवल 97, 90 ज्ञाता-द्रष्टा श्रवस्था, मोन में ही प्रकट, निषेध की भाषा उपयोग :
(i) महावीर के द्वारा सांसारिक परतन्त्रता (सम्पत्ति, सत्ता एवं अनुभवहीन पाण्डित्य )
का त्याग :
(ii) हिंसा व पाप का परित्याग :
(iii) ध्यान की उपेक्षा नहीं :
(iv) ध्यान की पद्धति :
(v) ध्यान के स्थान : (vi) निद्रा का त्याग : (vii) ध्यान की बाधाएँ :
(क) इन्द्रिय- जन्य वाघाएँ : (ख) काम - जन्य वाधाएँ : (ग) मनोरंजन संबंधी वाघाएं : (घ) शारीरिक बाधाएँ : (च) स्थान - जन्य वाघाएँ : (छ) लौकिक-अलौकिक बाधाएं : (ज) सामाजिक वाघाएँ :
(viii) भोजन - पान के प्रति अनासक्ति :
(ix) गमन में सावधानी :
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(x) मौन का जीवन : (xi) कष्टों में समतावान् होना :
सूत्र संख्या 75, 79, 80
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106
124, 125, 110
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105, 119
112, 123, 129
[ आचारांग