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1. आयारंग सुत्तं
2. आयारो
3. श्राचारांगसूत्र
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सहायक पुस्तकें एवं कोश
4. समता दर्शन और व्यवहार
5. जैन आगम साहित्य : मनन और मीमांसा
6. समणसुत्त
7. हेमचन्द्र प्राकृत व्याकरण भाग 1-2
8. प्राकृत भाषाओं का व्याकरण
166 ]
: सम्पादक : मुनि जम्बूविजय (श्री महावीर जैन विद्यालय,
बम्बई )
:
: सम्पादक : मधुकर मुनि श्री आगम प्रकाशन समिति, व्यावर, ( राजस्थान )
सम्पादक : मुनि नथमल ( जैन विश्व भारती, लाडनूं)
: ग्राचार्य श्री नानालालजी महाराज ( श्री अखिल भारतीय साधुमार्गी जैन संघ, बीकानेर )
: देवेन्द्र मुनि
::
: सर्व सेवा संघ प्रकाशन,
राजघाट, वाराणसी
:
(तारक गुरु ग्रन्थमाला, उदयपुर)
व्याख्याता श्री प्यारचंदजी महाराज (श्री जैन दिवाकर दिव्य ज्योति कार्यालय, मेवाड़ी बाजार, व्यावर, ( राजस्थान)
डा. आर. पिशल
( विहार- राष्ट्र-भाषा-परिषद्,
पटना)
[ श्राचारांग