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लोगं च पारगाए अभिसमेच्चा अकुतोभयं । अस्थि सत्थं परेण परं, त्यि असत्यं परेण परं।
70 जे कोहदंसी से माणदंसी, जे माणदंसी से मायदंसी,
जे मायदंसी से लोभदंसी, जे लोभदंसी से पेज्जदंसी, जे पेज्जदंसी से दोसदंसी, जे दोसदंसी से मोहदंसी, जे मोहदंसी...
..............से दुक्खदंसी।
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[ आचारांग