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तत्य (त) 7/1 स गढिते (गढित) 1/1 वि चिट्ठति (चिट्ठ) व 3/1 अक भोयणाए (भोयरण) 4/1 ततो (अ) =वाद में से (त) 4/1 स एगदा (अ)= एक समय विप्परिसिठ्ठ (वि-प्परिसिट्ठ) 1/1 वि संभूतं (संभूत) 1/1 वि महोवकरणं [(मह)+ (उवकरणं)] [(मह)वि-(उवकरण) 1/1] भवति (भव) व 3/1 अक तं (त) 2/1 स पि (अ) = भी से (त) 6/1 स एगदा (प्र) = एक समय दायादा (दायाद) 1/2 विमयंति (विभय) व 3/2 सक अदत्तहारो (अदत्तहार) 1/1 वा (अ) =या से (त) 6/1 स अवहरति (अवहर) व 3/1 सक रायाणो (राय) 1/2 वा (अ) = या से (त) 6/1 स विलुपति (विलुप) व 3/2 सक गस्सति (एस्स) व 3/1 अक से (त) 1/1 सवि विणस्सति (विरणस्स) व 3/1 अक से (त) 1/1 सवि अगारदाहेण [(अंगार)-(दाह) 3/1] वा (अ) =या डन्झति (डज्झति व कर्म 3/1 सक अनि इति (अ) = इस प्रकार. से (त) 1/1 सवि परस्स (पर) 4/1 वि अट्ठाए (अट्ठ) 4/1 फराई (कूर) 2/2 वि कम्माइं (कम्म) 2/2 वाले (वाल) 1/1 वि पकुव्वमाणे (पकुव्व) व 1/1 तेण (त) 3/1 स दुक्खेण (दुक्ख) 3/1 मूढे (मूढ) भकृ 1/1 अनि विप्परियासमवेति [(विप्परियासं+(उवेति)] विपरियासं (विप्परियास)/21 उवेति (ज्वे) व 3/1 सक मुणिणा (मुणि) 3/1 हु (अ) =ही एतं (एत) 1/1 सवि पवेदितं (पवेदित) भूकृ 1/1 अनि अणोहंतरा (अणोहंतर) 1/2 वि एते (एत) 1/2 सवि णो (अ)= नहीं य (अ)= विल्कुल अोह (ोह) 2/1 तरित्तए (तर) हेक 1. कभी-कभी षष्ठी विभक्ति का प्रयोग द्वितीया विभक्ति के स्थान पर
होता है (हेम प्राकृत व्याकरण : 3-134) 2. कभी-कभी सप्तमी विभक्ति के स्थान पर द्वितीया विभक्ति का प्रयोग
पाया जाता है। (हेम प्राकृत व्याकरण :3-137)
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आचारांग