Book Title: Abhi Dharm Samucchaya Bhasyam Author(s): Nathmal Tatia Publisher: K P Jayswal Research InstitutePage 61
________________ 30 अभिधर्मसमुच्चयभाष्यम् 538 B. शिक्षायां निष्ठागतस्येत्यधिशीलमधिचित्तमधिप्रज्ञं च शिक्षायां निष्ठागतस्याहत इत्यर्थः॥ 538 C. [Ch. 711 A] पृथग्जनस्य कुशलादिकमिति मोक्षप्रयुक्तवर्जस्य / स हि शिक्षाया[म] भिशिक्षणाच्छैक्ष उच्यत इति / शैक्षस्य क्लिष्टाव्याकृतमित्यत्र - क्लिष्टमकुशलं निवृताव्याकृतं च यथासंभवम् / अव्याकृतं-2 पुनरनिवृताव्याकृतं वेदितव्यम् // . 639 A. [A.S. P. 26] परिकल्पिता क्लिष्टा दृष्टिरसद्धर्म श्रवण - पूर्विका पञ्च दष्टयः / परिकल्पितग्रहणं सहजसत्कायान्तग्राहदृष्टिव्युदासार्थम् / अन्तग्राहदृष्टिः कीदृशी सहजा। उच्छेददृष्टियतो[Ms. 29A]ऽभिसमयप्रयुक्तस्योत्त्रासो भवत्यथ कतर्हि मे आत्मेति / दृष्टिस्थानं दृष्टिसहभुवो धर्मास्तद्वीज च / तथैव विचिकित्सास्थानमपि वेदितव्यम् / ये च दृष्टौ विप्रतिपन्ना: क्लेशोपक्लेशा इति ये दृष्टिमुखेन प्रवृत्ता तदालंवनाश्च रागादयः / [T. 28 B] सर्वेषामेकदेशो भावनाप्रहातव्यानास्रववर्जः / / 539 B. दर्शनप्रहातव्याविपर्ययेण सास्रवा' इति परिकल्पितक्लिष्टदृष्टयादिकादन्ये सास्रवा इत्यर्थः / अत्र पुनः सास्रवग्रहणेन निर्वेधभागीयानामपि ग्रहणं वेदितव्यं दौष्ठ्ल्यानुबन्धार्थेन / सर्वेषामेकदेशः दर्शनप्रहातव्यानास्रववर्जः / / - 639 C. [Ch. 711 B] स्कन्धानामेकदेशोऽप्रहातव्यः, लोकोत्तरो मार्गस्तत्पष्टलब्धश्च / -दशानां10 [धातनां चतां चायतनानाम (एकदेश) इति-9] 11-स चा संस्कृतं च / कीदशौ रूपशब्दधातू नं प्रहातव्यो / अशैक्षस्य कुशल कायवाक्कर्मस्वभावौ / -11 1. Ms. निष्ठायां for शिक्षायां. 2...2. T. क्लिष्टमकुशलम्, अव्याकृतं निवृताव्याकृतं च यथासंभवम् / अशैक्षस्या व्याकृतं..... 3. Ms. adds च. 4. Ms. ध. 5. T. & Ch. add आदि. ___T. omits आदि. 7. T. adds धर्मा. 8. Ch. अनास्रवधर्मः for स्कन्धा... प्रहातव्यः. 9. ...-9 "दशानां...इति" is not found in Ch. But T. ASV (T) have this portion. 10. Ms. ना.. 11. ...-11 "स...स्वभावौं" is in the bottom margin in Ms. 12. Ms. च 13. Ms. °तस्य for deg तं च. 14. T. drops कुशल.Page Navigation
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