Book Title: Abhi Dharm Samucchaya Bhasyam
Author(s): Nathmal Tatia
Publisher: K P Jayswal Research Institute

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Page 60
________________ लक्षणसमुच्चयः $37C. चतुर्णा स्कन्धानां वेदनादीनाम् / त्रयाणां धातूनां मनोधर्ममनोविज्ञानधातूनाम् / द्वयोरायतनयोर्मनोधर्मायतनयोः / प्रदेशः [T. 27B] कामरूपा वचरानास्रववर्यः / (i) एकदेशवैराग्यं भूमिमधिकृत्य यावदष्टमस्य क्लेशप्रकारस्य प्रहाणात् / (ii) सकलवैराग्यं नव [म]स्य प्रहाणात् / सत्कायवैराग्यं वा पुनरधिकृत्य शैक्षस्यैकदेशवैराग्यमशक्षस्य सकलवैराग्यं वेदितव्यम्। (iii) प्रतिवेधवराग्यं दर्शनमार्गेण / (iv) उपघातवैराग्यं लौकिकेन मार्गेण / (v) समुद्धातवैराग्यं लोकोत्तरेणे ति वेदितव्यम् / दशवैराग्याणीत्यत्र प्रातिकूल्यार्थो वैराग्यार्थो वेदितव्यो ना [Ch.710C]वश्यं प्रहाणार्थः / उच्चतरं स्थान प्राप्तवतो निहीने स्थाने इ-त्युच्चतरं नगरश्रेष्ठ्यादिस्थानं प्राप्तवतो' ग्राममहत्तरादिस्थाने निहीने / -6 8 बालानां निर्वाण इति तस्य शान्तत्वाज्ञानात् सत्कायाभिष्वङ्गाच्च / प्रतिलब्धदर्शनमार्गस्य त्रैधातुक इति संस्कारदुःखतां परिज्ञातवतः सर्वसास्रव [व]स्तुनिर्वेदात् / 10 प्रकृत्या वैराग्यं प्रकृतिवैराग्यं यावत्प्रहाणेन वैराग्यं प्रहारण[Ms.28B) वैराग्यमिति पदविग्रहजातिर्वेदितव्या / / 10 $ 38 A . 'मोक्षप्रयुक्तस्य कुशलं शैक्षमिति संभृतसंभारावस्थायाः। प्रभतिमोक्षार्थ प्रयु[T.28A]क्तस्य वेदितव्यम् / संभृतसंभारावस्था पुनराधिगामिकमोक्षभागीयावस्था वेदितव्या। दशानां13 धातूनां विज्ञानरूपशब्दधर्मधातूनाम्। चतुर्णामायतनानां रूपशब्दमनोधर्मायतनानाम्। . .. 1. मनोधर्मायतनयो: is in the top margin of Ms. 2. Ms. आरूप्या° for रूपा। 3. - Ms. वन for नव / / 4. T. & Ch. add मार्गेण वैराग्यं / 5. Ch. & ASV (T). add प्रकृत्या वैराग्यं प्रकृतिवैराग्यं यावत्प्रहाणेन वैराग्यं प्रहाणवैराग्यमिति पदविग्रहजातिर्वेदितव्या। See footnote 6 on P. 97. ह........6. "उच्चतर....."निहीने" is in the bottom margin. T. om its this portion. Cb. has it. 7. Ms. ता. 8. Ms. & T. add here नगरश्रेष्ट्यादिग्राममहत्तरत्वादीनि वेदितव्य [नि]. Ch. omits this portion. 9. Ms. धातवः for वतः. 10. ...10. "प्रकृत्या...र्वेदितव्या” is not found in T. Ch. & ASV(T). have this at another place. See footnote 1 on P. 97. 11. Ms. या. 12. Ms. स्का . 13. Ms. चतुर्णा. . 14. T. & Ch. add. सप्त. h.

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