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आकृति निदान
उबाला हुआ दूध सबसे अच्छा है। उदाते हुए दूधसे और खास करके उस दूधसे जो आजकलकी डाक्टरी रीतिसे "निर्जीव" कर दिया जाता है कितना नुकसान पहुंचता है इसका प्रमाण आपको चित्र नं० ४६, ५७. ५१ के देखनेसे मिल सकता है। ये चित्र असली फोटोसे नकल किये गए हैं। ___ अप्राकृतिक भोजन कभी पूरी तरह नहीं पहुँच सकता। यदि प्रतिदिन प्राकृतिक भोजन किया जाय तो वही दशा हो जायगी जो ऊपर लिखी गयी है, क्योंकि शरीरमें अंतड़ियां, गुर्दे
और फेफड़े वगैरह ठीक-ठीक तरहसे उस द्रव्यको बाहर नहीं निकाल सकते जो शरीरके लिये किसी कामका नहीं रह गया है। इसके साथ ही शरीरके अन्दर असली पौष्टिक-पदार्थको कमी होने से स्वास्थ्यकी हानि पहुँचती है।
(२)-एक स्त्रीकी उम्र तीस वर्षकी थी। उसे बहुत दिनोंसे दस्तोंकी बीमारी थी। जिससे यह पता लगता था कि स्वभाव या शरीर विजातीय द्रव्योंको दस्तोंद्वारा निकाल रहा है।।
डाक्टरकी दवासे दस्त तो बन्द हो गये पर उसके बाद ही गहरा कब्ज शुरू हुआ। विजातीय द्रव्य कारकी ओर चढ़ने लगा
और तीन हफ्तेके अन्दर गर्दनके ऊपर वैसी हो सूजन हो गयी जैसी कि चित्र नम्बर १२ में दिखलाई गयी है। उस स्त्रीको फौरन पता लग गया कि यह सूजन डाक्टरकी दवाओंका नतीजा है।
दस्तकी बीमारी बन्द हो जानेके बाद अगर गर्दनके ऊपर सूजन फौरन ही न होकर धीरे-धीरे होती तो उसे यही निश्चय होता कि जो दवा मैंने खायो है वह फायदेमंद है।
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