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प्राकृति निदान
करता हुआ नीचेकी ओर भी चला गया है। इसलिये उसकी छाती और कन्धे धंस गये हैं।
चूंकि उसके पोछेकी ओर बिलकुल बादीपन नहीं है इसीलिये उसके दिमागमें कोई गड़बड़ी नहीं है। उसकी बीमारी पुरानी हो गयी है इसीलिये उसे कोई कष्ट या वेचैनी नहीं होती और इसीलिये उसका चेहरा भी शांत दिखलाई पड़ता है। वह उन रोगियों में गिना जा सकता है जो आखिरी घड़ीतक भी चङ्गे होने की उम्मीद करते हैं । हमें चाहिये कि हम उसे सच्ची बातें बतलाकर नाउम्मेद न कर दें, पर हमें यह बात अवश्य मालूम है कि उसके चंगे होनेकी बहुत कम आशा है। हाँ, उसकी हालतमें कुछ न कुछ सुधार जलर हो सकता है।
अभाग्यसे उस रोगीकी हालत ठीक तरहपर और पहले नहीं जांची गयी, नहीं तो एक या दो साल पहले इलाज करनेसे शायद वह चङ्गा हो जाता।
देखिये तस्वीर नं० ५० और ५१ में एक छोटा लड़का आपकी ओर चला आ रहा है । उसे देखनेसे फौरन यह पता लगता है कि सिर जरूरतसे ज्यादा बड़ा और आगेकी ओर झुका हुआ है। उसका चेहरा लाल दिखलाई पड़ता है। देखिये उसकी गरदन कितनी छोटी है। ज्यादा गौरसे देखनेपर यह पता लगा है कि उसके शरीर में साधारणतः बादीपन छाया हुआ है। यह तमाम बादीपन चारों ओरसे बढ़ता हुआ आंखोंकी ओर गया है। देखिये
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