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बादीपनका इलाज
हरण से देख सकते हैं। पर तन्दुरुस्त आदमियों को हम यह सलाह देते हैं कि वे रातके वक्त मैथुन न करें, क्योंकि ऐसा करने से शरीर में कमजोरी आ जाती है और कामकी फिक्र, मंट और बेकायदा ढंगकी जिन्दगी आदि बातोंका बुरा असर सन्तानपर पड़ता है । कौन ऐसा मनुष्य है जो ऐसे कामसे अपनेको न रोके जिसका खराब असर सन्तानपर पड़ता हो ? जो लोग अप्राकृतिक ढंगपर जीवन व्यतीत करते हैं वे यदि सवेरे ही मैथुन करें तो उनके गलत तरीके से जिन्दगी बसर करनेका बुरा नतीजा गर्भपर इतनी प्रत्यक्ष रीतिखे न पहुँचेगा, क्योंकि रातके वक्त बदन अपनी कुछ न कुछ ताकत जरूर हासिल कर लेता है । उदाहरण के लिए सोचिये कि शराब और दूसरी नशीली
सन्तानोंपर पड़ता होगा जो
चीजोंका कितना बुरा असर उन नशे की हालत में पैदा की जाती हैं। ऐसी सन्तानोंकी बुद्धि करीब करीब हमेशा कुण्ठित रहती है और उनका दिमाग बिल्कुल कमजोर रहता है ।
इसलिए मैं फिर इस बातको दोहराता हूँ कि अगर हम उन्तेजना और शान्ति देनेवाले भागों का उपयोग ठीक तरहसे करें तो हमारी शक्ति ठीक तरह से कायम रह सकती है और यदि शक्ति चीरण हो गयी है तो वह फिर अधिक शीघ्रता से कायम की जा सकती हैं । हमें अपना जीवन इस नियमसे व्यतीत करना चाहिये कि हम अपने सबसे आवश्यक कर्त्तव्योंको सवेरे ही करें और उसी समय प्रधान भोजन भी पेटके अन्दर पहुँचायें जिसमें कि.
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