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आकृति-निदान
१०४ चित्र १-स्वाभाविक आकृति
देखिये कुल बदनकी बनावटकितनी सुन्दर और सुडौल है। अंगोंका उतार चढ़ाव बहुत हीसुघड़ और गोलाकार है जिससे शरीरकी शोभा बढ़ गयी है। सिर जैसा चाहिये वैसा ही है। सिर चिकना है पर उसमें वह चरबीदार मादा नहीं है जिससे सिर अक्सर गद्दीकी तरह दिखलायी पड़ता है । आंखें बड़ी और साफ, नाक सीधी, मुँह बन्द, चेहरा गोल अण्डाकार कानके ठीक नोचे एक लकीरसी है जिससे चेहरेको गोल बनावट साफ तौरपर मालूम पड़ती है। गरदन गोल और स्वाभाविक है। छाती मेहराबदार और सुडौल है। टांगें सीधो और पुढे दार हैं। जाँघोंको अलग करने वाली लकीर साफ दिखलायी
पड़ती है।
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