Book Title: Aakruti Nidan
Author(s): Lune Kune, Janardan Bhatt, Ramdas Gaud
Publisher: Hindi Pustak Agency

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Page 142
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ११८ आकृति-निदान चित्र १८-बगल, सामनेवाला बादीपन सिर कुछ ज्यादा बड़ा। माथा चरबीदार जिससे वह गद्दीकी तरह मालूम पड़ता है। आँखें संकुचित । नाककी आकृति स्वाभाविक। मुंहकी आकृति टेढ़ी-मेढ़ी। चेहरेको गरदनसे जुदा करनेवाली लकीर साफ तौरपर नहीं जाहिर होती। ठुड्डी बढ़ी हुई। गरदन करीब-करीब गायब सी है। गरदनके दाहिनी ओर रस्सीकी तरह मोटी गाँठ और मस्सा दिखलाई पड़ रहा है। चित्र ११-सामने और बगलवाला बादीपन । सिर बहुत बड़ा। माथा चरबीदार जिससे गद्दीकी तरह दिखलाई पड़ता है। आँखें संकुचित। नाक कुछ ज्यादा बड़ी। मुँह खुला हुआ। चेहरेको गरदनसे जुदा करनेवाली लकीर स्वाभाविक प्रकारकी। गर. दन सिरके समान मोटी। उसपर विजातीय द्रव्य जमा हो जानेसे मांगें पड़ गयी हैं। For Private And Personal Use Only

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