Book Title: Aakruti Nidan
Author(s): Lune Kune, Janardan Bhatt, Ramdas Gaud
Publisher: Hindi Pustak Agency

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Page 123
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ६६ बादीपनका इलाज आप यह आसानीसे देख सकते हैं कि चुम्बक पत्थरका असर रखनेवाली सूर्यको किरणें सवेरेके वक्त जब हमपर गिरती हैं तो हमारे साथ उनकी रगड़ उस रगड़से ज्यादा तेज होगी जो तीसरे पहर पैदा होती है, क्योंकि तीसरे पहर सूर्यकी किरणें हमारी पीठको भोर रहती हैं। इसलिये यह साफ जाहिर है कि हमारे सामनेकी ओर जो किरणें होंगी उनका असर कहीं ज्याला तेज होगा। इस बातका उदाहरण हम चाकू तेज करनेके यंत्रसे दे सकते हैं । जिस ओर वह यंत्र घूम रहा है उसके विरुद्ध यदि हम चाकूकी धार रक्खें तो जितना तेज असर होगा उतना तेज असर चाकूको उस ओर रखनेसे न होगा जिस ओरको यन्त्र घूम रहा है। ___ हरकतके लिहाजसे पृथ्वीकी तुलना एक बड़े भारी डाइनमोसे की जा सकती है जिसका चक्कर खानेवाला हिस्सा उन ब्रुश जैसी शकलवाली चीजों के खिलाफ रगड़ खाता है जिनके द्वारा बिजली ले जायी जाती है। शायद कुछ लोग यह कहें कि आम तौरपर सवेरेकी अपेक्षा तीसरे पहर गरमी ज्यादा तेज होती है। इसका कारण सिर्फ यह है कि जो गरमी पैदा हो रही है उसके सबबसे वह गरमी सुरक्षित रक्खी और बढ़ायी जाती है जो पहलेसे पैदा हो चुकी है। पर जब हवा नहीं होती तो सबेरेकी अपेक्षा तीसरे पहर गरमीकी वृद्धि कम होती है। तेज हवा के द्वारा कदाचित् गरम For Private And Personal Use Only

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