Book Title: Aakruti Nidan
Author(s): Lune Kune, Janardan Bhatt, Ramdas Gaud
Publisher: Hindi Pustak Agency

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Page 124
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १०० आकृति निदान ठंडी हवा दूसरे प्रदेशोंसे आकर हालतको बदल सकती है । इसलिये निरीक्षणं उस रोज करना चाहिये जिस रोज श्रांधी या तेज हवा न हो । . पृथ्वीके चक्कर से जो शक्ति पैदा होती है उसका प्रभाव भी हमपर पड़ता है । शान्ति देनेवाले भागकी अपेक्षा उत्तेजना देनेवाले भाग में सूर्य की किरणें अधिक प्रभाव डालती हैं और हमें काम करनेके लिये उत्तेजित करती हैं। हमें अपना जीवन भी इसीके अनुसार नियमित करना चाहिये । सूर्य्यकी किरणोंका असर हम लोगों पर भी कुछ समयतक जारी रहता है यहांतक कि तीसरे पहर में जाकर हम धीरे-धीरे अपनी शक्ति में कमीका अनुभव करते हैं । तीसरे पहर और सबेरे काम करने की जो जुदा जुड़ा शक्ति हममें रहती है उसका मुकाबिला अगर हम एक दूसरेके साथ करें तो हमें फौरन फ़र्क मालूम पड़ेगा । प्रातःकाल जो शक्ति और जो तेजी हममें रहती है उसका कारण केवल यही नहीं है कि हम रात में गहरी नींद सोते हैं। अगर गहरी नींद सोना ही इस बातका कारण होता तो दोपहर को भी गहरी नींद सोनेसे वही असर पैदा होता । पर असल में ऐसा नहीं होता। मेरी राय में निःसन्देह इसका कारण वही शक्ति है जो रोशनी और गरमी पैदा करती है। इसलिये कृत्रिम उपायोंसे प्रकृतिके अपरिवर्त्तनीय नियमोंके विरुद्धं युद्ध करना खेर-जनक भूल है । मैं एक बार फिर यह कह देना चाहता हूँ किं ऊपर जो For Private And Personal Use Only

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