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बापनका इलाज
ध्यान में रखनी चाहिये। जिन लोगोंको अजीर्णकी बीमारी रहती है वे पतला खाना उचित रीतिपर नहीं पचा सकते | उनका यह ख्याल करना गलत है कि शोरबा, दूध, कहवा, चाय, शराब वगैरह उन्हें फायदा पहुँचा सकती है ।
मैंने अजी के बहुतसे रोगियोंका इलाज किया है। उन रोगियोंके इलाज से जो अनुभव मुझे प्राप्त हुआ है वह मैं यहाँ लिखता हूँ ।
कच्चे भोजनकी अपेक्षा पका हुआ भोजन ज्यादा मुशकिलसे पचाया जा सकता है। जो चीज ताजी और गदरी है वह बहुत ही आसानी के साथ पच सकती है । जो चीज बिलकुल पक गयी है या जो बहुत जल्द सड़नेवाली है उसका पचाना बड़ा मुशकिल है । इसलिये कच्चा फल और सागपात अजीर्णके रोगी बहुत ही आसानी और जल्दी के साथ पचा सकते हैं । इस तरहका खाना जरूरत से ज्यादा नहीं खाया जा सकता, क्योंकि यह ज्योंही काफी तौरपर खा लिया जाता है त्योंही शरीर इस बात की सूचना दे देता है कि बस अब अधिक भोजन मत करो।
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पहले पहल तो कच्चा फल खानेसे शायद दस्तकी बीमारी हो सकती है, क्योंकि आसानी के साथ पचनेके लिये बदनके अन्दर से वह दूसरी चीजोंको निकाल बाहर करता है, पर दस्तकी बीमारी फौरन दूर हो जायगी और इस तरहके फल खानेसे पाचन शक्तिको नियमानुसार ठीक करनेमें बड़ी भारी
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