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बादीपनका इलाज
इशकी कि अगर खानेके बाद ही उस स्त्रीको एक चुटकी समुद्री बालू दिनमें दो तीन बार दिया जाय तो उससे क्या नतीजा होगा। जैसी भाशा न थी उससे कहीं अच्छा नतीजा बड़ी तेजीके साथ दिखलाई पड़ा। दूसरे ही दिन पेटकी भांतें ढीली पड़ गयीं। पहले तो पाखाना काले रंगका, सख्त और गोल हुआ, पर बादको बिलकुल ठीक ढंगका होने लगा। जिस तरहका स्नान और जिस तरहका भोजन पहले बतलाया गया था वही जारी रखा गया। ___ अब आप देख सकते हैं कि बालूका कितना अच्छा असर उस स्त्रीकी बीमारीपर पड़ा। निःसन्देह बालू पाचन शक्तिको ठीक हालतमें रखने और उसे सुधारनेका एक अच्छा कुदरती जरिया है। __ अपनी पुरानी प्रणालीके अनुसार डाक्टर और हकीम इस बातको कभी न मानेंगे कि बालू खानेसे कुछ फायदा हो सकता है, क्योंकि बालू प्रायः घुल नहीं सकती । डाक्टर लोग रसायन शास्त्रकी सहायतासे इस बातका ठीक-ठीक निश्चय करनेका यत्न करेंगे कि शरीरके निर्माणके लिए कौनसे पदार्थ पावश्यक हैं । अन्तमें वे यह निश्चय करेंगे कि हर एक पदार्थ गिनती और वजनमें कितना हररोज खाना चाहिये । उस मनुष्यके अभाग्यका क्या ठिकाना है जो इस तरह के सिद्धान्तोंके अनुसार भोजनके द्वारा अपना इलाज कगता है ! इस बातकी भी कोशिश की गयी है कि खानेके पदार्थोंमें जो पौष्टिक अंश
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