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आकृति निदान काम करती है। अगर बालू में किसी कदर चिकनी मिट्टी मिली होगी तो असर इतना अच्छा न होगा।
अब आप यह पूछ सकते हैं कि क्या बालू शरीरके भीतरकी खराब हवा और खराब चीजें बरबाद करके वैसा ही अच्छा असर नहीं पैदा कर सकती अर्थात् क्या बालू शरीर के अन्दर उस चह. बच्चेको नहीं सुखा सकतो जिसमें भयानक बीमारियोंके जहरीले कीटाणु पैदा होते और बढ़ते हैं ?
बालूका असर क्या होता है इसका निश्चय करनेके विचारसे मैंने कई आजमाइशें की हैं। इन आजमाइशोंके नतीजोंसे पता लगा है कि बालू में बहुत बड़े गुण हैं। मैं यहांपर इस बातका एक अच्छा उदाहरण देना चाहता हूँ। ___एक स्त्रीको युवावस्थासे ही कोष्ठबद्धका रोग था। उसने कई तरहके इलाज किये पर किसीसे भी कुछ फायदा न हुआ पचास बरसकी उमर में उसकी यह शिकायत इतनी बढ़ गयी और उसे इतनी तकलीफ होने लगी कि उसकी हालत बहुत ही खतरनाक दिखलाई पड़ने लगी। किसी तरह के जुलाबसे भी उसका पेट साफ न होता था। कभी-कभी तो हफ्तोंतक और एक बार तो लगातार पांच हफ्तेतक उसे दस्त न हुआ। जब वह मेरे पास आयो तो मैंने उससे कहा कि वह दिनमें चार या पांच मतैबा उदर-स्नान करे दलिया तथा खट्टे फल खाये। इस इलाजसे कोष्ठबद्ध में जरूर फायदा होता है, पर इस स्त्रीके सम्बन्ध यह इलाज काफी न था। इसलिए मैंने यह आजमा
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