Book Title: Aakruti Nidan
Author(s): Lune Kune, Janardan Bhatt, Ramdas Gaud
Publisher: Hindi Pustak Agency

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Page 91
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बादीपनका इलाज जाय। यह सच है कि साधारणत: बादीपन कुछ दूर होते. ही रोगीको यह थोड़ा भान होने लगता है कि मैं बिलकुल चंगा हो गया। आकृति-निदानकी सहायतासे हम यह निश्चय कर सकते हैं कि रोगी पूरी तरहसे चंगा हुआ है या सिर्फ उसकी दशामें एक बड़ा सुधार हुआ है। चित्र नं० ४३ और ४४ में देखिये,. एक स्त्रीके शरीरमें सामने और बगलकी ओर बादीपन है। उसकी गरदनपर गांठें हैं । इन गांठोंको मिटानेके लिए वह दस बरसतक हर तरहकी चिकित्सा करके हार गयी। अन्तमें ढाई वर्षतक मेरी विधिके अनुसार चिकित्सा करनेपर वह बिलकुल चंगी हो गयी। चित्र नं. ४५. में देखिये ! इस इलाजके बाद रोगीका चित्र दिया गया है। केवल उसकी गांठें ही नहीं गयीं वरन् रोगके अन्य लक्षण भी दूर हो गये हैं। देखिये उसके चेहरेसे चिन्ताके चिह्न जाते रहे हैं । गाल भर आये हैं। मुँह बन्द है, पर पहिले उसका मुँह लगातार खुला रहता था। उसको गरदन भी 'चिकनी और गोल हो गयी है । पहले उसका रंग पीला था पर अब उसमें ताजगी दिखलाई पड़ती है। जबतक वह पूरी तरहसे चंगी नहीं हुई थी तबतक उसकी पाचनशक्ति बिलकुल खराब थी। पर अब बिलकुल सुधर गयी है। अब उसे जीवन भार नहीं मालूम पड़ता। उसकी आकृतिमें भी बहुत सुन्दरता आ गयी है। चित्र नं. ४६ और ४७ देखिये, यह एक व्यक्तिका उस अवस्थाका रूप है जब वह बीमार था। नं. ४. में देखिये, मेरी For Private And Personal Use Only

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