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आकृति निदान
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रंगत और शरीरके भिन्न-भिन्न अंगों का तनाव । अक्सर सिर्फ एक ही हिस्सेका बादीपन तस्वीर में दिखलाया जा सकता है पर जो बातें गौर के साथ देखनेसे मालूम हुई हैं उनका बिलकुत्त ठीक-ठीक वर्णन किया गया है । अन्तमें विशेष बात याद रखने लायक यह है कि सभी दशाओं में ध्यान से देखकर ही आवश्यक परिणाम निकाला जाय ।
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मान लीजिये कि चित्र नं० ११ में जिस लड़कीको दिखाया गया है वह हमारे पास अपने रोगकी पहचान कराने के लिये आये तो हम पहले क्या करेंगे। सबसे पहले हम उसकी चालढाल और रङ्गतपर ध्यान करेंगे । उसकी चालढाल किसी तरह अच्छी नहीं है। सिर लागेकी ओर झुका हुआ है, रङ्ग पीला है, देखने से यह बात तुरन्त मालूम हो रही है कि विजातीय द्रव्यके दबावसे उसकी आँखें माधी बन्द सी हो गयी हैं । वास्तव में यह लड़की एक तरहसे अन्धी हो रही है । हमें तुरन्त पता लग सकता है कि यह लड़की बहुत बुरी तरहसे बीमार है और उसका सिर बादीपनसे बहुत अधिक भरा हुआ है । अब हमें इस बातका निश्चय करना चाहिये कि यह किस प्रकारका बादीपन है। उसके सिरकी ओर देखनेसे ही हमें अच्छी तरह पता लग सकता है कि इस लड़कीके सामनेवाले भागमें बड़ा गहरा बादीपन है, क्योंकि चेहरेको गरदन से जुदा करनेवाली जो लकीर होती है वह इस लड़की में उचित स्थानपर
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