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चिकित्साका अभ्यास
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पीछे की ओर कोई बादीपन नहीं है। इसलिये हम उससे यह वादा कर सकते हैं कि भाई तुम अवश्य चंगे हो सकते हो, पर इसके लिए धैर्य्यकी आवश्यकता होगी, क्योंकि विजातीय द्रव्य गांठों की शक्ल में पहले से जमा हो गया है। इसी तरहसे बगल - की ओर भी बादीपन दिखलाई पड़ सकता है। और सामनेकी ओर सीधा-सादा बारीपन हो तो उसके चंगा होने में इसका थाधा समय भी न लगेगा और अधिक सरलता से रोग दूर हो
जायगा ।
[
] चित्र नं० ७ में जिस आदमीकी शकल दिखलायी गयी है। उसका डील अच्छा है। चेहरे के ऊपरी भागों का रंग साधारणत: जैसा चाहिये वैसा ही है, पर निचले हिस्सेकी रंगत कुछ-कुछ भूरी है । उसमें बादीपन भी है। उसके शरीर के दोनों बगलों पर ध्यान देनेसे पता लगेगा कि इस आदमी में भी बादीपन सामनेकी र है ! उसके चेहरेके चारों ओर गरदनसे पृथक करनेवाली जो लकीर होनी चाहिये बिलकुल ही मिट गयी है । यदि सिर ऊपर की ओर उठाया जाय तो गरदनकी वह सूजन जो ठुड्डीतक फैली हुई है अच्छी तरह दिखाई देगी। सिरको दाहिनी या बाईं ओर घुमाने - से बगल में कोई तनाव न दिखलाई पड़ेगा । इससे यह प्रकट होता है कि उसके दोनों बगलों में बादीपन नहीं है। उसकी पीठ में भी कोई बादीपन न दिखलाई पड़ेगा ।
यों आप देख सकते हैं कि रोगीको सिर्फ गरदनपरकी तक
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