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आकृति-निदान क्या है ज्यादा बढ़ गया है। इस हालत में अगर विजातोय द्रव्य सुखा दिया जाय और पुढे क्षीण कर दिये जाय तो जबड़ेके पासवाली चेहरेकी लकीर फिर अपने स्वाभाविक आकार में भा सकती है, पर गलेपरकी गांठे और उनका रङ्ग इस बातको बतलानेके लिए काफी हैं कि शरीरके सामनेवाले हिस्से में विजातीय द्रव्यका एक बड़ा समूह इकट्ठा है।
पार बादीपन सामनेकी ओर होता है तो बदनकी रङ्गत या तो पीली या उचितसे अधिक लाल होती है और जिन हिस्सों में सबसे ज्यादा बादीपन होता है वे बहुत ज्यादा तने रहते हैं और देखने में चमकदार मालूम पड़ते हैं ।
सिरकी गतिपर भी बहुत ध्यान देनेकी मावश्यकता है। सामनेवाले बादीपनमें सिर सरलतासे पीछेकी ओर नहीं घुमाया जा सकता। घूमने की कोशिश करनेसे गरदनपर बड़ा तनाव दिखलाई पड़ेगा । तस्वीर नं. ३८)। ऐसी दशामें छोटी या बड़ी गांठें, जो साधारणतः नहीं दिखलाई पड़ती, साफ जाहिर हो जाती हैं।
इस प्रकार समान भावसे कुछ चेहरा या उसके विशेष भाग विजातीय द्रव्यके एकत्र होनेसे कुछ न कुछ अवश्य बिगड़ जाते हैं। कभी-कभी तो बादीपन सिर्फ एक ही ओर होता है जिससे चेहरेका एक आधा हिस्सा दूसरे प्राधे हिस्सेसे भारी या लम्बा दिखलाई पड़ता है । ( तस्वीर नं० % )। __ बादीपनका असर क्या होता है, यह बिलकुल इस बातपर निर्भर है कि बादीपन किस तरहका है।
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