Book Title: Aakruti Nidan
Author(s): Lune Kune, Janardan Bhatt, Ramdas Gaud
Publisher: Hindi Pustak Agency

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Page 53
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाकृति-निदान क्या है साहका अभाव इत्यादि कई दोष उत्पन्न हो जाते हैं। कभी कभी तो मस्तिष्क बिलकुल ही खराब हो जाता है । जिसके पीछेकी ओर बादीपन रहता है उसके दिमाग में गड़बड़ी या पागलपन होनेका डर सदा बना रहता है। इस विषयमें मुखाकृति-निदानका महत्व बहुत अच्छी तरह प्रकट हो जाता है। इसके द्वारा आगन्तुक मोगकी खबर पहले ही मिल जा सकती है। पीछेकी भोरके बादीपनवालेका मस्तिष्क प्रारम्भिक दशामें अपना काम मच्छी तरहसे कर सकता है। हाँ, उसमें कुछ-कुछ चम्बलता रहती है। बच्चे उचित समयसे पहले ही बढ़ जाते हैं पर आगे चलकर उनसे कोई आशा पूरी नहीं होती, उनका दिमाग कमजोर पड़ जाता है, स्मरण शक्ति जाती रहती है। पर डाक्टर लोग कबतक इस बातका पता नहीं लगा सके हैं कि ऐसा क्यों होता है। लोग पनी शारीरिक दशाको भली-भांति जानते रहते है जब वे डाक्टरोंसे पूछते हैं कि हमारे मस्तिष्ककी कमजोरी और स्मरण शक्तिके ह्रासका कारण क्या है, तो जवाब मिलता है कि कुछ नहीं, केवल तुम्हारा भ्रम है। वास्तव में उनका फूला हुआ बदन और सुर्ख चमकदार चेहरा देखकर प्रायः यह समझा जाता है कि वे तन्दुरुस्तीके नमूने हैं। पीछेकी ओर बादीपन होनेसे मनुष्यों में कामेच्छा उचित समयके पहले ही जागृत हो जाती है और बच्चे तथा युवक और युवतियाँ हस्त मैथुन द्वारा वीर्य नष्ट करने लगते हैं। इससे बहुत जल्द नपुंसकता और बन्ध्यापन भा जाता है। जिन लोगों में For Private And Personal Use Only

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