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आकृति निदान
इस दशा में बदनके
सामनेवाले बादीपन में सिरसे लेकर टाँगोंतक शरीर के हरएक हिरसेपर बादीपनका असर रहता है, इसलिए उसके कारण शरीर के हर एक अङ्गको पीड़ा पहुँचती है। इससे चेचक, लाल बुखार, डिप्थेरिया, फेफड़ेकी सूजन इत्यादि लगभग हर एक प्रकार के तीव्र रोग पैदा हो सकते हैं। सामनेवाले भागोंपर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। बच्चों की बीमारियों के साथ-साथ जो फोड़ा फुन्सी भी निकल जाता है. उससे यह बात साबित होती है । बहुत सी पुरानी बीमारियाँ और खास करके हल और गलेकी बीमारियाँ सामनेवाले बादीपनके कारण पैदा होती हैं। पर चेहरेवाली बीमारियाँ इतनी ज्यादा बादीपनके कारण नहीं पैदा होतीं जितनी कि गले और हलकवाली बीमारियाँ | चेहरेकी सुर्खी और फोड़ा फुन्सी, मुहांसे वगैरह अनाड़ी और होशियार दोनों तरहके डाक्टरोंकी नजर में इसी तरह की बीमारियोंमें शामिल किये जा सकते है । प्रायः आरम्भ में ठुड्डीपर ही इसका असर पड़ता है । दाँत गिर जाते हैं और साधारणत: सामनेवाले बादीपन में नीचेके दाँत पहले गिरते हैं। चित्र नं० ५ और ७ मे देखिये, दोनों आदमियों के नीचे के दाँत, मालूम पड़ता है, बहुत जल्दी ही गिर गये हैं । कभी-कभी तो नसों और आँखोंकी बीमारियाँ भी पैदा हो जाती है । बादीपन जब सिर में ऊपरतक पहुँच जाता है तो सिर गम हो जाता है, विशेषकर सिरके सामनेवाले वाले बाल भर जाते हैं ।
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