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आकृति निदान
फिर एक प्रसिद्ध डाक्टरकी सलाहसे उसने 'डरमेटोल" का प्रयोग किया, खून बन्द हो गया और उस आदमीने समझा कि बस अब मैं चगा हो गया। पर कुछ दिन पीछे ही उसने देखा कि गलैके पास एक अजीब ढंगकी सुजन पैदा हो रही है। उसे खयाल हुआ कि हलककी सूजनका कुछ न कुछ सम्बन्ध बवासीरके एकाएक गायब हो जानेसे जरूर है। सूजन इतना अधिक बढ़ गयी कि कुछ महीने बाद उसका दम घुटने लगा और हालत बहुत नाजुक हो गयी। यह बिलकुल स्वाभाविक बात थी। ___ बवासीरका मार्ग बन्द होनेपर जब विजातीय द्रव्य आंतोंसे बाहर न निकल सका तो उसने गर्दनको अपने जमा होने का स्थान बना लिया। वह द्रव्य पीछेकी पोरसे दिमागमें चढ़ जाता तो वहां उसमें कुछ फितूर या पागलपन पैदा करता । ___ उसने कुछ मित्रोंकी सलाहसे उदरस्नान करना स्वीकार किया क्योंकि उसे अपने दम घुटनेका ऐसा डर था कि उससे जो कहा जाता वही माननेके लिये वह तैयार हो जाता। पहले ही स्नानसे उसे बड़ा बाराम मालूम हुआ। कारण, विजातीय द्रव्य अभी हाल में ही इकट्ठा हुआ था और उस समयता कड़ा न होने पाया था। नहीं तो उसे देरमें फायदा होता।
विजातीय द्रव्य शरीर में पेट, फेफड़े और त्वचा द्वारा पहुँचता है। फेफड़े और चमड़ेके द्वारा हम हवा खींचते या सांस लेते हैं। मुह द्वारा हम खाने पीनेकी चीजें पेट में पहुँचाते हैं। अबतक हम प्राकृतिक नियमोंका पालन करते रहते हैं तबतक
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