Book Title: Aagam Manjusha 05 Angsuttam Mool 05 Bhagavati
Author(s): Anandsagarsuri, Sagaranandsuri
Publisher: Deepratnasagar

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Page 14
________________ GALSPIRONIPASHRAPRIMEPRARBPPEARESHMISPHISAROINISHEMISPERHIMSHI6SPSSMSPIARPICARSPIRINGIPADARSPICI खलु एगे जीवे एगेणं समएणं एग आउयं पकरेति, तं०-इहभवियाउयं वा परभवियाउयं वा, सेवं भंते! सेब भंतेत्ति भगवं गोयमे जाव विहरति । ७६ । तेणं कालेणं तेणं समएणं पासावचिजे कालासवेसियपुते णामं अणगारे जेणेव थेरा भगवंतो तेणेव उवागच्छति त्ता थेरे भगवंते एवं वयासी-थेरा सामाइयं ण जाणंति थेरा सामाइयस्स अट्ठ ण याणंति धेरा पचक्खाणं ण याणंति थेरा पचक्खाणस्स अट्ट ण याणंति थेरा संजमं ण याणंति थेरा संजमस्स अटुं ण याणंति थेरा संवरं ण याणंति थेरा संवरस्स अट्ठ ण याणंति धेरा विवेगं ण याणंति थेरा विवेगस्स अटुं ण याणंति धेरा विउस्सग ण याणंति थेरा विउस्सग्गस्स अटुं ण याणंति, तए णं ते घेरा भगवंतो कालासवेसियपुत्तं अणगारं एवं वयासी-जाणामोणं अजो! सामाइयं जाणामोणं अज्जो! सामाइयस्स अटुं जाव जाणामोणं अजो विउस्सग्गस्स अटुं, तए णं से कालासवेसियपुत्ते अणगारे ते धेरे भगवंते एवं वयासी-जति णं अजो! तुम्भे जाणह सामाइयं जाणह सामाइयस्स अट्ठ जाव जाणह विउस्सम्गस्स अटुं किं मे अजो! सामाइए ? किं भे अजो! सामाइयस्स अट्टे ? जाव किं भे० विउस्सग्गस्स अट्टे ?, तए णं ते थेरा भगवंतो कालासवेसियपुतं अणगारं एवं वयासी. आया णे अजो! सामाइए आया णे अज्जो ! सामाइयस्स अट्टे जाव विउस्सम्गस्स अट्टे, तए णं से कालासवेसियपुत्ते अणगारे थेरे भगवंते एवं वयासी-जति भे अजो! आया सामाइए आया सामाइयस्म अढे एवं जाव आया विउस्सपास्स अट्टे अक्हटु कोहमाणमायालोभे किमटुं अज्जो ! गरहह ?, कालास. संजमट्टयाए, से भंते ! किंगरहा संजमे अगरहा संजमें?. कालास०! गरहा संजमे नो अगरहा संजमे, गरहावि य णं सव्वं दोसं पविणेति सव्वं बालियं परिणाए, एवं खुणे आया संजमे उवहिए भवति एवं खुणे आया संजमे उवचिए भवति एवं पुणे आया संजमे उपट्ठिए भवति, एल्थ णं से कालासवेसियपुत्ते अणगारे संबुद्धे धेरे भगवंते वंदति णमंसति त्ता एवं वयासीएएसिणं भंते ! पयाणं पुयि अण्णाणयाए असवणयाए अबोहियाए अणभिगमेणं अदिवाणं अस्सुयाणं असुयाणं अविण्णायाणं अव्वोगडाणं अव्वोच्छिन्नाणं अणिज्जूढाणं अणुवधारियाणं एयमढे णो सहहिए णो पत्तिए णो रोइए इयाणिं भंते! एतेसिं पयाणं जाणणयाए सवणयाए बोहिए अभिगमेणं दिवाणं सुयाणं मुयाण विण्णायाणं वोगहाणं वोच्छिन्नाणं णिजूढाणं उवधारियाणं एयमझु सहहामि पत्तियामि रोएमि एवमेयं से जहेयं तुम्भे वदह, तए ण ते थेरा भगवंतो कालासवेसियपुत्तं अणगारं एवं वयासी-सदहाहि जज्जो! पत्तियाहि अजो! रोएहि अजो! से जहेयं अम्हे बदामो, तए णं से कालासवेसियपुत्ते अणगारे थेरे भगवंतो वंदइ नमसह ता एवं वदासी-इच्छामि णं भंते! तुभं अंतिए चाउज्जामाओ धम्माओ पंचमहव्वइयं सपडिकमणं धम्मं उपसंपजित्ताणं विहरित्तए. अहासुहं देवाणुप्पिया! मा पडिबंध०, तए णं से कालासवेसियपुने अणगारे थेरे भगवंते बंदइ नमसइ चाउज्जामाओ धम्माओ पंचमहब्वइयं सपडिकमणं धम्मं उपसंपज्जित्ताणं विहरइ, तए णं से कालासवेसियपुत्ते अणगारे चहणि वासाणि सामण्णपरियागं पाउणइ जस्सऽट्टाए कीरइ नग्गभावे मुंडभावे अण्डाणय अदंतवणयं अच्छत्तयं अणोवाहणयं भूमिसज्जा फलहसेजा कट्ठसेज्जा केसलोओ बंभचेवासो परघरपवेसो लदावलदी उच्चाक्या गामकंटगा चावीस परिसहोवसग्गा अहियासिजति तमढ आराहेइत्ता चरिमेहिं उस्सासनीसासेहिं सिद्ध बुद्धे मुके परिनिबुडे सव्वदुक्वप्पहीणे 1७७। भंतेत्ति भगवं गोयमे समणं भगवं महावीरं वंदति नमंसति त्ता एवं बदासी-से नूणं भंते ! सेट्टियस्स य तणुयस्स य किवणस्स य खत्तियस्स य समा चेव अपचक्याणकिरिया कजह.हंता गोयमा ! सेट्ठियस्म य जाव अपञ्चक्खाणकिरिया कजइ, से केणतुणं भंते!?, गोयमा! अविरतिं पडुच्च से तेण गोयमा! एवं बुचइ-सेवियस्स य तणु० जाव कजइ । ७८। आहाकम्मं भुंजमाणे समणे निगथे कि बंधइ कि पकड किं चिणाइ कि उवचिणाइ?, गोयमा! आहाकमणं भुंजमाणे आउयवजाओ सत्त कम्मप्पगडीओ सिदिलबंधणबद्धाओ धणियचंधणचद्धाओ पकरेइ जाव अणुपरियहइ. से कणट्ठणं जाव अणुपरियट्टइ?,गायम न कम्मप्पगडीओ सिदिलबंधणबद्धाओ धणियबंधणचद्धाओ पकरे जाव अणपरियड से केणट्टेणं जाव अणपरियट्टइ?, गोयमा! आहाकम्मणं भुजमाण आयाए धम्म अइकमइ आयाए धम्मं अइकममाणे पुढविकायं णावकंखइ जाव तसकायं णावकंखर जेसिपि य णं जीवाणं सरीराई आहारमाहारेइ तेऽपि जीवे नावकंखइ, से तेणठेणं गोयमा ! एवं बुचइ-आहाकम्मं णं मुंजमाणे आउयवज्जाओ सत्त कम्मपगडीओ जाव अणुपरियट्टइ, फासुएसणिजं भंते ! भुंजमाणे किं बंधइ जाच उचचिणाइ?, गोयमा ! फासुएसणिज णं भंजमाणे आउयवज्जाओ सत्त कम्पपयडीओ धणियचंधणचद्धाओ सिढिलचंधणबदाओ पकरेइ जहा संवूडे णं, नवरं आउयं च णं कम्मं सिय बंधइ सिय नो बंधइ, सेसं तहेब जाव बीईवयइ, से केणटेणं जाव वीईवयइ ?, गोयमा ! फासुएसणिज भुजमाणे समणे निग्गंथे आयाए धम्म नो अइकमइ आयाए धम्म अणइकममाणे पुढविक्काइयं अवकंखति जाव तसकार्य अवकंखइ जेसिपि य णं जीवाणं सरीराई आहारेइ तेऽवि जीवे अवकंखति से तेणट्टेणं जाव बीईवयइ । ७९। से नूणं भंते ! अथिरे पलोहद नो थिरे पलोहति ? अधिरे भज्जइ नो थिरे भज्जइ ? सासए बालए बालियत्तं असासयं? सासए पंडिए पंडियत्तं असासयं?,इंता गोयमा ! अथिरे पलोहइ जाव पंडियत्तं असासयं, सेवं भंते ! सेवं भंते:नि जाव विहरति । ८०॥श०१उ०९॥ अन्नउस्थिया णं भंते ! एवमाइक्वंति जाव एवं पतिएवं खलु चलमाणे अचलिए जाव निजरिज्जमाणे अणिज्जिण्णे । दो परमाणुपोग्गला एगयओ न साहण्णंति, कम्हा दो परमाणुपोग्गला एगततो न साहण्णंति !, दोण्हं परमाणुपोग्गलाणं नस्थि सिणेहकाए, तम्हा दो परमाणुपोग्गला एगयओन साहण्णंति, तिनि परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णंति, कम्हा तिनि परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णंति ? तिहं परमाणुपोग्गलाणं अस्थि सिणेहकाए, तम्हा तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ सा.ते भिजमाणा दुहावि तिहावि कज्जति, दुहाकजमाणा एगयओ दिवढे परमाणुपोग्गले भवति एगयओऽवि दिवड्डे पर० पो० भवति, तिहा कज्जमाणा तिष्णि परमाणुपोग्गला भवंति, एवं जाव चत्तारि पंच परमाणुपो० एगयओ साहणंति, एगयओ है साहण्णित्ता दुक्खत्ताए कजंति, दुक्खेऽपि यणं से सासए सया समियं चिजइ य अवचिजइय। पुचि भासा भासा भासिज्जमाणी भासा अभासा भासासमयबीतिकंता चणं भासिया भासा, जा सा पुष्बि भासा भासा भासिज्जमाणी चणं भासिया भासा सा किं भासओ भासा अभासओ भासा?.अभासओ णं सा भासा. नो खल सा भासओ भासा, पनि किरिया दुक्खा कजमाणी किरिया अदुक्खा किरियासमयवीविकंतं च णं कहा किरिया दुक्खा, जा सा पुवि किरिया दुक्खा कज्जमाणी किरिया अदुक्खा किरियासमयवीइक्कतं च णं कडा किरिया दुक्खा, सा किं करणओ दुक्खा अकरणओ दुक्खा?, अकरणओ णं सा दुक्खा णो खलु १७० श्रीभगवत्यंग-सतं, मुनि दीपरत्नसागर STHEPSMSPTEMBPEKCHRMSPORTHEPIRNSSP00589POSHOPPICHROMESSASARSHEEPEEPIONSHISACHINESSA

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