Book Title: Yugveer Nibandhavali Part 01 Author(s): Jugalkishor Mukhtar Publisher: Veer Seva Mandir Trust View full book textPage 8
________________ नये युगकी झलक यदि भूलता नही हूँ तो सन् १९२२ की बात है जब दिल्लीमे प्रतिष्ठा-महोत्सवके अवसर पर जैनियोका एक अच्छा मेला भर गया था। दि. जैन महासभाका अधिवेशन भी वहाँ था । प्रथम दिवसकी कार्यवाहीमे ही जैन गजटके समादक वके सम्बन्धमे सुधारको और स्थितिपालकोके बीच कडा विरोध उपस्थित हो गया । उसी रात्रिको एक अन्य खेमेमे एकत्र होकर सुधारकदल दि० जैन परिषदके नामसे अपना स्वतत्र मगठन तैयार करने का विचार कर रहा था। मैं भी अपने नये उ साहसे वहाँको कार्यवाही मे कुछ भाग ले रहा था। अकस्मात् मेरे समोप खादीका चद्दर प्रोढे बैठे हुए एक सज्जनने मुझे कुछ प्रसगोपयोगी बाते बतलाते हुए उन्हे सभामे उपस्थित करनेके लिये कहा । किन्नु पारिचित और कुछ-कुछ अपढसे दिखाई देनेवाले व्यक्तिको दो हुई सूचनामोके आधार पर उन बातोको प्रामाणिक रूपसे सभामें उपस्थित करनेका मेरा साहस नही हुआ । किन्तु शीघ्र ही मेरे प्राश्चर्य और हर्षका पागवार न रहा जब मैंने जाना कि मुझे वह सुझाव देनेवाला व्यक्ति अन्य कोई नही विख्यात लेखक औरPage Navigation
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