Book Title: Vyakhyapragnaptisutram Part 02
Author(s): Divyakirtivijay
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust

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Page 416
________________ श्रीभगवत्यङ्गं श्रीअभय वृत्तियुतम् भाग-२ / / 938 // 12 शतके उद्देशकः 4 पुद्गलाधिकारः। सूत्रम् 445 एकद्वित्र्यादि क०, दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपो० एग० पंचपएसिए खंधे भ० अहवा एग० दुप्पएसिए खंधे एग० चउपएसिए खंधे भ० अहवा दो तिपएसिया खंधा भ०, तिहा कज्जमाणे एगयओ दो परमाणुपो० एग० चउपएसिए खंधे भ० अहवा एग० परमाणुपो० एग दुपएसिएखंधे भ० अहवा तिन्नि दुपएसिया खंधा भवन्ति चउहा कज्जमाणे एगयओ तिन्नि परमाणुपो० एग० तिपएसिए खंधे भ० अहवा एगयओ दो परमाणुपो० भवंति एग० दो दुप्पएसिया खंधा भ०, पंचहा कज्जमाणे एग• चत्तारि परमाणुपो० एगयओ दुपएसिए खंधे भ०, छहा कज्जमाणे छ परमाणुपो० भ०।६ सत्त भंते! परमाणुपो० पुच्छा, गोयमा! सत्तपएसिए खंधे भ०, से भिज्जमाणे दुहावि जाव सत्तहावि क०, दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपो० एग० छप्पएसिए खंधे भ० अहवा एग• दुप्पएसिए खंधे भ० एग० पंचपएसिए खंधे भ० अहवा एग० तिप्पएसिए एग० चउपएसिए खंधे भ०, तिहा कज्जमाणे एग० दो परमाणुपो० एग० पंचपएसिए खंधे भ० अहवा एग० परमाणुपो० एग दुपएसिए खंधे एगयओ चउपएसिए खंधे भ० अहवा एग० परमाणु० एग० दो तिपएसिया खंधा भ० अहवा एग दो दुपएसिया खंधा भ० एग० तिपएसिएखंधे भ०, चउहा कज्जमाणे एगयओ तिन्नि परमाणुपो० एग० चउप्पएसिए खंधे भ० अहवा एग० दो परमाणुपो० एग० दुपएसिए खंधे एग• तिपएसिए खंधे भ० अहवा एग० परमाणु एग तिन्नि दुपएसिया खंधा भ०, पंचहा कज्जमाणे एग० चत्तारि परमाणुपो० एग तिपएसिएखंधे भ० अहवा एग• तिन्नि परमाणु० एग० दो दुपएसिया खंधा भवंति, छहा कज्जमाणे एग० पंच परमाणुपो० एग. दुपएसिएखंधे भ०, सत्तहा कज्जमाणे सत्त परमाणुपो० भ०। 7 अट्ठ भंते! परमाणुपो० पुच्छा, गोयमा! अट्ठपएसिए खंधे भ० जाव दुहा कज्जमाणे एग० परमाणु० एग• सत्तपएसिए खंधे भ० अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे एग. छप्पएसिए खंधे भ० अहवा एग० तिपएसिए० एग. पंचपएसिए खंधे भ० अहवा दो चउप्पएसिया खंधा भ०, तिहा कजमाणे एगयओ परमाणुपो० एग० छप्पएसिए खंधे भ० अहवा एग० परमाणुपो० एगयओ यावत्सङ्ख्येयासङ्घचेयानन्ताणुएकतयास्कन्धेनभेदेन च स्कन्धादिभङ्गाः / // 938 //

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