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सप्तमी पितरि पित्रोः पितृषु
संबोधन हे पितः हे पितरौ हे पितरः 11. प्रौढ रचनानुवाद कौमुदी, डॉ. कपिलदेव द्विवेदी, विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी।
वररुचिप्राकृतप्रकाश (भाग - 1)।
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