Book Title: Varruchi Prakrit Prakash Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 114
________________ सूत्र - शब्द (5) तुम्हहिन्तो तुम्हासुन्तो भ्यसि ने भे तुज्झाणं तुम्हाणं आमि 啊 तुमम्मि तुमस्सिं 罵罵 तुझेसु सुपि अस्मदः ho अहं अहअं सौ अहम्मिः अमि च मूलशब्द, विभक्ति (6) Jain Education International (तुम्हाहिन्तो) 1/1 ( तुम्हासुन्तो) 1 / 1 (भ्यस्) 7/1. (वो) 1/1 (भे) 1/1 ( तुज्झाणं) 1 / 1 ( तुम्हाणं) 1/1 (आम्) 7/1 (ङि) 7/1 (तुमम्मि ) 1 / 1 (तुमस्सिं) 1 / 1 (तुज्झेसु) 1/1 (तुम्हेसु) 1 / 1 (सुप्) 7/1 ( अस्मद् ) 6 / 1 (हं) 1/1 (अहं) 1/1 (अहअं) 1/1 7/1 ( अहम्मि) 1 / 1 (अम्) 7/1 (च) वररुचिप्राकृतप्रकाश ( भाग 1 ) - For Personal & Private Use Only शब्दानुसरण (7) परम्परानुसरण परम्परानुसरण भूभृत् परम्परानुसरण परम्परानुसरण परम्परानुसरण परम्परानुसरण भूभृत् हरि परम्परानुसरण परम्परानुसरण परम्परानुसरण परम्परानुसरण भूभृत् भूभृत् परम्परानुसरण परम्परानुसरण परम्परानुसरण गुरु हर भूभृत् (107) www.jainelibrary.org

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