Book Title: Varruchi Prakrit Prakash Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 38
________________ 58. 59. 60. आमा सिं 6 / 12 आमा (आम्) 3/1 आम् सहित 'सिं' (होता है ) | पुल्लिंग सर्वनाम तत्त से परे आम् (षष्ठी बहुवचन के प्रत्यय) सहित विकल्प से 'सिं' होता है । ( त + आम्) सिं (षष्ठी बहुवचन) किमः कः 6/13 किमः (किम्) 6/1 किम् के स्थान पर 'क' (होता है) । सुप् (प्रथमा से सप्तमी तक के विभक्तिबोधक प्रत्यय) परे होने पर किम् के स्थान पर 'क' होता है । 62. こ सिं (सिं) 1/1 इदमः इमः 6/14 इदमः (इदम्) 6/1 इदम् के स्थान पर 'इम' (होता है ) । के सुप् (प्रथमा से सप्तमी तक के विभक्तिबोधक प्रत्यय) परे होने पर इदम् स्थान पर 'इम' होता है । कः (क) 1/1 61.. स्सस्सिमोरद्वा 6/15 वा विकल्प से स्सस्सिमोरद्वा { (स्स) + (स्सिमोः) + (अत्) + (वा) } { (स्स) - (स्सिम् ) 7/2}, अत् (अत्) 1/1 स्स और स्सिम् स्सिं परे होने पर अत् → अ विकल्प से ( होता है ) । स्स (इम का षष्ठी एकवचन का प्रत्यय) और स्सि (इम का सप्तमी एकवचन का प्रत्यय) परे होने पर इम के स्थान पर विकल्प से 'अ' होता है। (इम + स्सं ) (षष्ठी एकवचन ) (इम + स्सिं) = अस्सिं - अस्स ( सप्तमी एकवचन ) वररुचिप्राकृतप्रकाश (भाग - 1 ) Jain Education International इमः (इम) 1/1 ङेर्देन ह: 6/16 ङेर्देन हः { ( ङे) + (देन) } हः ङे (ङि) 6/1 देन (द) 3/1 हः (ह) 1/1 For Personal & Private Use Only (31) www.jainelibrary.org

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