Book Title: Varruchi Prakrit Prakash Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 40
________________ वा - विकल्प से एतत् से परे सु होने पर विकल्प से ओत्त्वं → 'ओ' (होता है)। एतत् → एत से परे सु (प्रथमा एकवचन का प्रत्यय) होने पर विकल्प से 'ओ' होता है। (एत + सु) : (एत + ओ) : एसो', एस. (प्रथमा एकवचन) 1. सूत्र 6/22 से एत के 'त' का 'स' होगा। 2. दीप्ति व्याख्या के अनुसार विकल्प से 'एस' रूप बनता है। 66. तो उसेः 6/20 तो (त्तो) 1/1 डसेः (ङसि) 6/1 ङसि के स्थान पर 'तो' (होता है)। एतत् → एत से परे ङसि (पंचमी एकवचन के प्रत्यय) के स्थान पर 'तो' होता है। (एत + ङसि) : (एत + तो) : एत्तो(पंचमी एकवचन) 1. सूत्र 6/21 से एत के 'त' का लोप होगा। 67. त्तोत्थयोस्तलोपः 6/21 त्तोत्थयोस्तलोपः { (तो) + (त्थयोः) + (त) + (लोपः) } { (त्तो) - (त्थ) 7/2} { (त) - (लोप) 1/1 } तो और त्थ परे होने पर 'त' का लोप (होता है)। एतत् → एत से परे तो (पंचमी एकवचन में प्रयुक्त प्रत्यय) और त्थ (सप्तमी एकवचन में प्रयुक्त प्रत्यय) होने पर एत के 'त' का लोप हो जाता है। (एत + त्तो) :. एत्तो (पंचमी एकवचन) (एत + त्थ) : एत्थ (सप्तमी एकवचन) 68. तदेतदोः (तस्य) सः सावनपुंसके 6/22 तदेतदोः सः सावनपुंसके { (तत्) + (एतदोः-→एततोः) } सः { (सौ) + (अ) + (नपुंसके) } { (तत्) - (एतत्) 7/2} सः (स) 1/1 सौ (सु) 7/1 अ- नहीं नपुंसके (नपुंसक) 7/1 वररुचिप्राकृतप्रकाश (भाग - 1) . (33) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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