________________
परिशिष्ट - 2
सूत्रों में प्रयुक्त सन्धि - नियम स्वर सन्धि 1. यदि इ, ई, उ, ऊ के बाद भिन्न स्वर अ, आ, ए आदि आवे तो इ, ई के स्थान
पर य और उ, ऊ के स्थान पर व् हो जाता है - सु + अमोः : स्वमोः (सूत्र - 6/18) ङसि + आंसु : ङस्यांसु (सूत्र - 5/11)
ई + ऊत्वम् : यूत्वम् (सूत्र - 5/16) 2. यदि अ, आ के बाद अ या आ आवे तो उसके स्थान पर आ हो जाता है
न + आमन्त्रणे : नामन्त्रणे (सूत्र - 5/27) वा + अन्त्य : वान्त्य (सूत्र - 5/42) सर्व + आदेः : सर्वादेः (सूत्र - 6/1)
च + अमि : चामि (सूत्र - 6/27) 3. यदि औं आदि के बाद अ आदि स्वर आवे तो उसके स्थान पर आव हो जाता
सौ + ओत्त्वं : सावोत्त्वं (सूत्र - 6/19) . सौ + अनपुंसके : सावनपुंसके (सूत्र - 6/22) व्यंजन सन्धि . 4. यदि तु के आगे अ, आ आदि स्वर तथा द्, व्, भ् आदि आवे तो त् के स्थान
पर न हो जाता है - क्वचित् + ङसि : क्वचिद् ङसि (सूत्र - 5/13) इत् + उतोः : इदुतोः (सूत्र - 5/14) उत् + ओतौ : उदोतो (सूत्र - 5/19)
वररुचिप्राकृतप्रकाश (भाग - 1) |
(75)
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org