Book Title: Varruchi Prakrit Prakash Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

View full book text
Previous | Next

Page 52
________________ (दो + आम्) ( ति + आम्) (चतु + आम्) こ こ こ 106. शेषोऽदन्तवत् 6 / 60 शेषोऽदन्तवत् शेषः (शेष) 1/1 शेष (रूप) अकारान्त की तरह ( चलेंगे ) । अकारान्त शब्दों के अतिरिक्त आकारान्त, इकारान्त, उकारान्त आदि शब्दों के जिस विभक्ति, वचन के प्रत्यय पूर्व में नहीं बताये गये हैं, उस विभक्ति व वचन में अकारान्त शब्दों के प्रत्यय लगते हैं । शब्दरूप निम्न प्रकार होंगे Jain Education International { ( शेषः) + (अदन्तवत् ) } जस् (प्रथमा बहुवचन) अम् (द्वितीया एकवचन) - डस् (षष्ठी एकवचन) दोहं (षष्ठी बहुवचन) तिन्हं (षष्ठी बहुवचन) चतुण्डं (षष्ठी बहुवचन) - वररुचिप्राकृतप्रकाश (भाग - 1 ) - भिस् (तृतीया बहुवचन) - ङसि (पंचमी एकवचन) -हरीदो, हरीदु, हरीहि, गामणीदो, गामणीदु, गामणीहि, साहूदो, साहूदु, साहूहि, सयंभूदो, सयंभूदु, सयंभूहि, वारीदो, वारीदु,वारीहि, महूदो, महूदु, महूहि, कहादो, कहादु, कहाहि, मईदो, मईदु, मईहि, लच्छीदो, लच्छीदु, लच्छीहि, धेणूदो, धेणूदु, धेणूहि, बहूदो, बहूदु, बहूहि भ्यस् (पंचमी बहुवचन) S अदन्तवत् अदन्त की तरह - कहा, मई, लच्छी, धेणू, बहू हरिं, गामणीं, साहुं, सयंभूं, वारिं, महुं, कहं, मईं, लच्छिं, धेणुं, बहुं कहाहिं, मईहिं, लच्छीहिं, धेहिं, बहूहिं हरीहिन्तो, हरीसुन्तो, गामणीहिन्तो, गामणीसुन्तो, साहूहिन्तो, साहूसुन्तो, सयंभूहिन्तो, सयंभूसुन्तो, वारीहिन्तो, वारीसुन्तो, महूहिन्तो, महूसुन्तो, कहाहिन्तो, कहासुन्तो, मईहिन्तो, मईसुन्तो, लच्छीहिन्तो, लच्छीसुन्तो, धेणूहिन्तो, धेणूसुन्तो, बहूहिन्तो, बहूसुन्तो हरिस्स, गामणीस्स, वारिस्स, साहुस्स, सयंभूस्स, महुस्स For Personal & Private Use Only (45) : www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126