Book Title: Varruchi Prakrit Prakash Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 68
________________ प्रथमा द्वितीया तृतीया पुल्लिंग - क (कौन) एकवचन बहुवचन को (5/1) के (6/1) कं (5/3) के (5/12) का (5/2, 5/11) किणा (6/3) केहिं (5/5, 5/12) केण (5/4, 5/12) कास (6/5) केसिं (674) कस्स ( 5/8) . काण (5/4, 5/11) कत्तो, कदो (6/9) काहिन्तो, कासुन्तो, केहिन्तो, केसुन्तो (5/7, 5/12) कस्सिं, कम्मि, कत्थ (6/2) केसु ( 5/10, 5/12) कहिं (6/7) काहे, कइआ (6/8) . चतुर्थी व षष्ठी पंचमी सप्तमी पुल्लिंग - एत (यह) एकवचन बहुवचन एसो (6/19, 6/22) एते (6/1) एस (6/19) द्वितीया एतं (5/3) एते (5/12) एता (5/2, 5/11) तृतीया एतिणा (6/3) . एतेहिं (5/5, 5/12) एतेण (5/4, 5/12) चतुर्थी व . एतस्स (5/8) एतेसिं (6/4) एताण (5/4, 5/11) पंचमी एत्तो (6/20, 6/21) एताहिन्तो, एतासुन्तो, एतेहिन्तो, __एता, एतादो, एतादु, एताहि एतेसुन्तो ( 5/7, 5/12) (5/6, 5/11) सप्तमी · एतस्सिं, एतम्मि, एतेसु ( 5/10, 5/12) ... एत्थ (6/2,6/21) षष्ठी वररुचिप्राकृतप्रकाश (भाग - 1) (61) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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