Book Title: Varruchi Prakrit Prakash Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 66
________________ 3 सर्वनाम शब्दरूप प्रस्तुत अध्याय मे सर्वनाम शब्दों की रूपावली दी जा रही है । इसमें निम्नलिखित शब्दों की रूपावली दी जा रही है पुल्लिंग शब्द नपुंसकलिंग शब्द स्त्रीलिंग शब्द तीनों लिंगों में प्रथमा द्वितीया तृतीया चतुर्थी व षष्ठी पंचमी सप्तमी - - पाठ एकवचन सव्वो ( 5/1) सव्वं ( 5/3) Jain Education International सव्व, त, ज, क, एत, इम, अमु - सव्व, त, ज, क, एत, इम, अमु सव्वा, ता, ती, जा, जी, का, की, एता, इमा, अमु अम्ह, तुम्ह पुल्लिंग सव्वेण (5/4, 5/12) सव्वस ( 5/8 ) सव्वस्सिं सव्वम्मि, सव्वत्थ (6/2 ) 1 वररुचिप्राकृतप्रकाश ( भाग 1 ) - - सव्व (सब) सव्वा, सव्वादो, सव्वादु, सव्वाहि सव्वेहिन्तो, सव्वेसुन्तो, (5/6, 5/11) सव्वाहिन्तो, सव्वासुन्तो (5/7, 5/12) सव्वेसु ( 5 / 10, 5/12) बहुवचन सव्वे (6/1 ) सव्वे (5/12) सव्वा (5/2, 5/11 ) सव्वेहिं (5/5, 5/12) सव्वाण ( 5/4, 5/11 ) For Personal & Private Use Only (59) www.jainelibrary.org

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