Book Title: Varruchi Prakrit Prakash Part 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Seema Dhingara
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 65
________________ प्रथमा द्वितीया EEEEEE अप्प (राअ की तरह रूप) एकवचन बहुवचन अप्पा (5/46, 5/36) अप्पाणो (5/46, 5/38, 5/44) अप्पं (5/46, 6/60, 5/3) अप्पाणो (5/46, 5/38, 5/44) अप्पे (5/46, 5/39) अप्पणा (5/46, 5/41) अप्पेहिं (6/60, 5/5, 5/12) अप्पणो (5/46, 5/38) अप्पाणं (5/46, 5/40, 5/44) तृतीया चतुर्थी व षष्ठी पंचमी अप्पा, अप्पादो, अप्पादु, अप्पाहि (6/60, 5/6, 5/11) अप्पे, अप्पम्मि (6/60,5/9) हे अप्पं (5/46, 5/37) अप्पेहिन्तो, अप्पेसुन्तो, अप्पाहिन्तो, अप्पासुन्तो (6/60, 5/7, 5/12) अप्पेसु (6/60,5/10, 5/12) हे अप्पाणो (9/18) . सप्तमी संबोधन E प्रथमा द्वितीया अप्पाण (अकारान्त पुल्लिंग की तरह रूप ) एकवचन 'बहुवचन अप्पाणो (5/45, 5/1) अप्पाणा (5/45, 5/2, 5/11) अप्पाणं (5/45, 5/3) .. अप्पाणा (5/45, 5/2, 5/11) अप्पाणे (5/45, 5/12) अप्पाणेण (5/45,5/4, 5/12) अप्पाणेहिं (5/45, 5/5, 5/12) अप्पाणस्स (5/45, 5/8) अप्पाणाण (5/45, 5/4, 5/11) EEEE तृतीया चतुर्थी व षष्ठी पंचमी अप्पाणा, अप्पाणादो, अप्पाणादु, अप्पाणेहिन्तो, अप्पाणेसुन्तो, अप्पाणाहि (5/45, 5/6, 5/11) अप्पाणाहिन्तो, अप्पाणासुन्तो अप्पाण (5/45, 5/13) (5/45, 5/7, 5/12) अप्पाणे,अप्पाणम्मि (5/45,5/9) अप्पाणेसु (5/45,5/10, 5/12) अप्पाण (5/45, 5/13) हे अप्पाण (5/45, 5/27) हे अप्पाणा (9/18) सप्तमी संबोधन (58) वररुचिप्राकृतप्रकाश (भाग - 1) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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